''अब नहीं खाऊंगी चूहे'', हाथ जोड़कर बिल्ली ने महादेव से मांगी माफी, बोली- हे भोलेनाथ! भूल हो गई... देख दंग रह गए लोग

punjabkesari.in Tuesday, Aug 05, 2025 - 05:33 PM (IST)

नेशनल डेस्क : सावन के पवित्र माह में एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें एक बिल्ली का शिवभक्ति में डूबा अंदाज़ लोगों का दिल छू रहा है। हर तरफ हर-हर महादेव की गूंज, मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ और इसी माहौल में एक बिल्ली भोलेनाथ की मूर्ति के सामने ऐसी मुद्रा में बैठी दिखती है कि देखने वालों को एक पल के लिए भरोसा नहीं होता।

तस्वीर के सामने बैठी बिल्ली, जैसे कर रही हो प्रायश्चित

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक बिल्ली सड़क किनारे पेड़ पर लगी भगवान शिव की तस्वीर के सामने शांत भाव से बैठी है। उसकी आंखें झुकी हुई हैं, दोनों पंजे जुड़े हुए और चेहरा ऐसा जैसे कोई गलती स्वीकार कर रही हो। कोई आरती नहीं, कोई पुजारी नहीं, सिर्फ सन्नाटा और उस सन्नाटे में ध्यानमग्न बिल्ली, जिसे देख हर कोई यही कह रहा है कि यह कोई साधारण दृश्य नहीं है।

क्या सावन में चूहा खा कर माफी मांगने आई थी बिल्ली?

सावन का महीना शिव भक्ति का समय माना जाता है, और इसी बीच सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस बिल्ली की 'प्रार्थना मुद्रा' को लेकर यूजर्स कई मजेदार और भावुक टिप्पणियां कर रहे हैं। कोई कह रहा है कि शायद इसने सावन में चूहा खा लिया और अब भगवान शिव से माफी मांगने आई है। कोई कह रहा है कि यह सिर्फ एक इत्तेफाक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक संदेश है।

सोशल मीडिया पर यूजर्स बोले – ऐसी भक्ति हमसे न हो पाएगी

वीडियो में किसी इंसानी आवाज की कोई दखल नहीं है। बिल्ली शांति से बैठी है, मानो कह रही हो – 'हे भोलेनाथ! मुझसे भूल हो गई, अब तू ही तारक है।' इस बिल्ली के शांत और समर्पित हावभाव को देख लोग खूब प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

कुछ मज़ेदार कमेंट्स भी आए –

  • 'और खा लो चूहे, अब मांगो माफी।'
  • 'बिल्ली को भी शिव की शरण चाहिए।'
  • 'माफ़ी मांगने की टाइमिंग कोई इस बिल्ली से सीखे।'

भक्ति, भावना और क्यूटनेस का संगम

इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर भक्ति, भावना और क्यूटनेस का अनोखा संगम पेश किया है। जहां लोग आध्यात्मिक नजरिए से इसे देख रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे मनोरंजन के नजरिए से भी ले रहे हैं। लेकिन एक बात तय है कि इस बिल्ली ने सावन के महीने में सभी का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया है। यह वीडियो न सिर्फ दिल को छूता है, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर करता है कि अगर एक जानवर भी अपने कर्मों का बोझ लेकर भगवान के सामने झुक सकता है, तो इंसान क्यों नहीं?

 


 


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Content Editor

Mehak

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