12-17 साल की लड़कियों में बढ़े मां बनने के मामले, 9 महीने में 907 लड़कियां बनीं मां
punjabkesari.in Friday, Dec 06, 2024 - 12:49 PM (IST)
नेशनल डेस्क. गुजरात के आदिवासी बहुल वलसाड जिले में नाबालिग लड़कियों के मां बनने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हाल ही में सामने आए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 9 महीने में 12 से 17 साल की 907 लड़कियां मां बन चुकी हैं। इसी अवधि में 15 से 19 वर्ष तक की 2,175 लड़कियां भी मातृत्व का अनुभव कर चुकी हैं।
इन मामलों में सबसे अधिक कपराडा और धरमपुर क्षेत्रों से हैं। इनमें दो मामले तो ऐसे भी हैं, जहां 12 साल की लड़कियां मां बनी हैं। हालांकि, घरों में प्रसव के कारण जच्चा-बच्चा की सेहत, मौत और गर्भपात के आंकड़े जुटाना मुश्किल हो गया है। एक डॉक्टर ने पहचान न बताने की शर्त पर यह पुष्टि की है कि कम उम्र की लड़कियों के प्रसव के मामले सामने आए हैं।
इस प्रकार के मामलों में आदिवासी लड़के-लड़कियां बिना विवाह के एक साथ रहते हैं और यह परंपरागत रूप से कोई गलत नहीं माना जाता। समाज में ऐसे किस्से भी होते हैं, जहां माता-पिता के विवाह में उनके बच्चे बाराती के तौर पर शामिल होते हैं। इन परंपराओं को खत्म करने के लिए साक्षरता और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन अब तक इसमें सफलता बहुत कम मिली है।
कम उम्र में मां बनने के बाद की समस्याएं
एक 14 साल की लड़की ने बताया कि गर्भवस्था और प्रसव के बाद उसे खून की कमी समेत अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। साथ ही उसकी पढ़ाई भी छूट गई। लड़की के माता-पिता ने उसकी स्थिति को लेकर चिंता जताते हुए अनुरोध किया है कि उनकी बेटी का विवाह 18 साल के बाद ही किया जाए ताकि उसे मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार होने का समय मिले। इस बढ़ते हुए मामले ने समाज में बाल विवाह, स्वास्थ्य समस्याओं और नाबालिग मातृत्व की गंभीरता को उजागर किया है और अब इस पर कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।