सरकारी ज़मीन के नाजायज इंतकाल पर केस दर्ज
punjabkesari.in Tuesday, Aug 13, 2024 - 09:07 PM (IST)
चंडीगढ़, 13 अगस्त (अर्चना सेठी) पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने मोगा जिले के राजस्व हलका किशनपुरा कलाँ में तैनात पटवारी नवदीप सिंह और दो आम व्यक्तियों दिलखुश कुमारी निवासी गाँव अदरामन, मोगा और हरमिन्दर सिंह उर्फ गगन निवासी गाँव रसूलपुर जि़ला मोगा के खि़लाफ़ आपसी मिलीभुगत के द्वारा सरकारी ज़मीन की मल्कीयत सम्बन्धी फज़ऱ्ी रिपोर्टें तैयार करके 10, 065,724 रुपए का मुआवज़ा प्राप्त करने के बदले आपराधिक मामला दर्ज किया है।
विजीलैंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस सम्बन्धी विजीलैंस जांच के आधार पर विजीलैंस थाना फिऱोज़पुर रेंज में भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13(1) (ए) और 13(2) और आई. पी. सी. की धारा 409, 465, 466, 467, 468, 471, 120-बी के अंतर्गत उक्त तीनों ही मुलजिमों के खि़लाफ़ एफ. आई. आर. नम्बर 19 तारीख़ 12. 08. 2024 दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि पड़ताल के दौरान पाया गया कि गाँव अदरामन, तहसील धरमकोट, जि़ला मोगा में स्थित पंजाब सरकार के पुनर्वास विभाग की ज़मीन फज़ऱ्ी ढंग के साथ उपरोक्त दिलखुश कुमारी के नाम पर तबदील करके उसके नाम पर इंतकाल दर्ज करवा दिया गया। यह भी सामने आया कि इस ज़मीन के इंतकाल पर छिन्दा पटवारी द्वारा दस्तखत किये गए थे, जबकि वह तहसील धर्मकोट के गाँव रेडवां के सम्बन्धित राजस्व हलका में तैनात नहीं था और साल 2021 दौरान उसकी मौत हो गई थी।
उन्होंने आगे बताया कि इस मामले की जांच के दौरान तहसील धर्मकोट में तैनात तत्कालीन कानूनगो और नायब तहसीलदार ने बयान रिकार्ड करवाए हैं कि उनकी तरफ से उक्त ज़मीन के इस तबादले पर दस्तखत नहीं किये गए थे जिसके उपरांत यह तबादला शक्की पाया गया। इस ज़मीन में से कुछ क्षेत्र राष्ट्रीय मार्ग बनाने के लिए अधिग्रहित ( ऐकुवाइर) किया गया था और उक्त मुलजिम दिलखुश कुमारी ने 18,53,661 रुपए और 82,12,063 रुपए का मुआवज़ा हासिल कर लिया था।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि पड़ताल के दौरान सामने आया है कि अधिग्रहित की गई ज़मीन की मूल्लयांकन रिपोर्ट और इसका ए- रोल उक्त पटवारी नवदीप सिंह द्वारा तैयार किया गया था। यह भी पता लगा है कि नवदीप सिंह पटवारी ने मुलजिम दिलखुश कुमारी को यह नाजायज मुआवज़ा दिलाने के लिए उपरोक्त मुलजिम हरमिन्दर सिंह उर्फ गगन के साथ साजिशन मिलीभुगत की थी। उन्होंने कहा कि इस विजीलैंस पड़ताल के आधार पर उपरोक्त तीनों मुलजिमों के खि़लाफ़ केस दर्ज कर लिया गया है और इस मामले की आगे पूछताछ के दौरान राजस्व विभाग के अन्य सम्बन्धित अधिकारियों/ कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जायेगी।