चीन पर शिकंजाः दक्षिण चीन सागर में कनाडा करेगा नौसेना तैनात, फिलीपींस ने भी दी ड्रैगन को चेतवनी
punjabkesari.in Sunday, Jun 02, 2024 - 02:28 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः कनाडा ने हाल ही में संकेत दिया है कि वह अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रक्षा पहल में शामिल होगा और फिलीपींस तथा ताइवान के साथ चीन के बढ़ते तनाव के बीच दक्षिण चीन सागर में युद्धपोत तैनात करेगा। यह खबर ताइवान जलडमरूमध्य में तनाव बढ़ने की खबरों के तुरंत बाद आई है, जिसमें चीनी सैन्य जहाजों का पीछा किया गया और फिलीपींस को अमेरिकी मिसाइलें दी गईं, जिनमें चीन के पार हमले करने की क्षमता है।
🇨🇦🇨🇳 CANADA TO DEPLOY NAVY TO SOUTH CHINA SEA
— Mario Nawfal (@MarioNawfal) June 2, 2024
Canada just indicated it will be joining the U.S. Indo-Pacific defence initiative and deploying warships to the South China Sea as Chinese tensions with the Philippines and Taiwan escalate.
The news comes shortly after reported… pic.twitter.com/9R2cKVdztj
उधर, फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने चीन को दक्षिण चीन सागर में सीमा नहीं लांघने की चेतावनी दी है।राष्ट्रपति ने कहा कि चीन के किसी भी कृत्यों से यदि फिलीपींस के किसी नागरिक की जान जाती है तो फिलीपींस इसे युद्ध के लिए उकसावा मानेगा और जवाबी कार्रवाई करेगा। फर्डिनेंड मार्कोस शुक्रवार को वार्षिक शांगरी-ला संवाद में कहा, 'हम अपने देश की सेना को उन क्षेत्रों में तैनात करने की क्षमता विकसित करेंगे, जहां हमें संवैधानिक कर्तव्य और अपने हितों की रक्षा तथा अपनी विरासत को संरक्षित करने की जरूरत होगी।' उन्होंने कहा कि फिलीपींस क्षेत्रीय स्थिरिता के स्तंभों के निर्माण क्रम में भारत और दक्षिण कोरिया के साथ अपने संबंधों को अधिक गहरा करेगा।
उन्होंने भारत को मित्र देश बताते हुए सम्बंधों को और मजबूत करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय स्थिरता में भारत मददगार स्तंभ है।मार्कोस ने दक्षिण चीन सागर और हिंद प्रशांत क्षेत्र में तनाव की स्थिति के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा, 'जिस तरह से हम अंतरराष्ट्रीय मामलों में कानूनी प्रक्रिया अपनाते हैं, उसी तरह से समुद्री क्षेत्र में अपने हितों की रक्षा के लिए देश की क्षमताओं का निर्माण करेंगे।' उन्होंने दक्षिण चीन सागर में चीन को सीमा पार नहीं करने की चेतावनी दी है।दरअसल, चीन पूरे साउथ चीन सागर पर दावा करता है, जबकि दूसरी तरफ ताइवान, फिलीपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं।