कनाडा ने हिंद-प्रशांत में चीन के खिलाफ बनाई नई रणनीति, भारत के साथ सहयोग बढ़ाने पर दिया जोर
Tuesday, Nov 29, 2022 - 12:38 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः कनाडा ने हिंद-प्रशांत में चीन के खिलाफ नई रणनीति बनाई है। इसके तहत कनाडा अब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य उपस्थिति को बढ़ावा देगा। वह निवेश नियमों को सख्त बनाकर बौद्धिक संपदा की रक्षा करेगा और चीन के स्वामित्व वाले उद्यमों को महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति बंद करने से रोकेगा। कनाडा ने अपनी नई हिंद-प्रशांत रणनीति दस्तावेज में भारत के साथ सहयोग बढ़ाने की योजना पर सबसे ज्यादा जोर दिया है। जिसमें भारत के साथ एक नए व्यापार समझौते की दिशा में काम करने की प्रतिबद्धता शामिल है, रणनीतिक, जनसांख्यिकीय क्षेत्र, आर्थिक क्षेत्र में नई दिल्ली के बढ़ते महत्व को दिखाता है।
26 पन्नों के इस दस्तावेज में चीन के दखल पर भारत का साथ देने की बात कही गई है। कनाडा के हिंद-प्रशांत रणनीतिक दस्तावेज में कहा गया है कि यह क्षेत्र अगली आधी सदी में कनाडा के भविष्य को आकार देने में अहम भूमिका निभाएगा। जबकि चीन को इस दस्तावेज में विघटनकारी वैश्विक शक्ति बताते हुए अंतरराष्ट्रीय नियमों और मानदंडों की अव्हेलना पर फटकार लगाई है। इसमें कहा गया है कि चीन इस क्षेत्र में अपनी ताकत का दुरुपयोग कर रहा है। जबकि भारत के बढ़ते सामरिक, आर्थिक और जनसांख्यिकीय महत्व कतो कनाडाई मकसद के लिए अहम भागीदार बताया गया।
रणनीति दस्तावेज में भारत और बढ़ते आर्थिक संबंधों पर एक अलग खंड है, जिसमें गहन व्यापार व निवेश के साथ लचीली आपूर्ति शृंखलाओं के निर्माण पर सहयोग शामिल है। व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते की दिशा में कनाडा प्रारंभिक प्रगति व्यापार समझौता (ईपीटीए) की जगह भारत के साथ बाजार पहुंच का विस्तार करना चाहता है। इसका उद्देश्य व्यापार आयुक्त सेवा के भीतर एक कनाडा-भारत डेस्क बनाना है, ताकि भारतीय बाजार में प्रवेश करने वाले व्यवसायों और निवेशकों के लिए ईपीटीए के कार्यान्वयन को बढ़ावा दिया जा सके। कनाडा ने कहा कि वह नई दिल्ली और चंडीगढ़ में कनाडा की वीजा-प्रसंस्करण क्षमता को मजबूत कर लोगों को आपस में जोड़ेगी।
इसके अलावा कनाडा सरकार अकादमिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक, युवा और अनुसंधान आदान-प्रदान का समर्थन भी करेगी। इस रणनीति में कहा गया है कि दोनों देशों में लोकतंत्र और बहुलवाद की साझा परंपरा है, जो एक नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय प्रणाली के लिए एक आम प्रतिबद्धता है। दस्तावेज के अनुसार, हिंद-प्रशांत क्षेत्र अगली छमाही में कनाडा के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कनाडा व चीन के बीच तनाव 2018 के अंत में उस समय बढ़ा जब कनाडा की पुलिस ने चीनी कंपनी हुवेई टेक्नोलॉजी के कार्यकारी अधिकारी को हिरासत में लिया था। इसके बाद बीजिंग ने जासूसी के आरोप में दो कनाडाई लोगों को गिरफ्तार किया था। हालांकि, तीनों को पिछले साल रिहा कर दिया गया था, लेकिन दोनों देशों के रिश्तों में दरार कायम है।