एक साथ हो सकते हैं विधानसभा-लोकसभा चुनाव, जानिए क्यों

Monday, Aug 14, 2017 - 11:21 PM (IST)

नई दिल्ली: अधिक से अधिक राज्यों में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव करवाए जाने की संभावनाओं पर सरकारी हलकों में चर्चा होनी शुरू हो गई है। इसमें कुछ राज्यों मे विधानसभा चुनावों के साथ ही लोकसभा चुनाव करवाए जाने की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इसमें तालमेल बैठाने के लिए अगले लोकसभा चुनाव नवम्बर-दिसम्बर 2018 में भी करवाए जाने पर विचार किया जा रहा है।


देश में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव साथ करवाए जाने की मांग लगातार की जाती है। नरेंद्र मोदी सरकार भी ऐसा करवाए जाने की बात कह चुकी है। अब लगता है कि अगले साल ही ऐसा हो सकता है। अगले साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि लोकसभा चुनाव भी इनके साथ ही करवाए जा सकते हैं।


केंद्र सरकार लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ करवाने पर विचार कर रही है। इसी के मद्देनजर सरकार यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि लोकसभा और राज्य विधानसभा के चुनाव साथ कैसे करवाए जा सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी कई बार यह राय जाहिर कर चुके हैं कि लगातार होने वाले विधानसभा चुनावों से न सिर्फ सरकार की कार्यप्रणाली पर असर पड़ता है बल्कि इससे देश पर आॢथक भार भी पड़ता है। 


सूत्रों का कहना है कि इस राजनीतिक परिवर्तन को समझने के लिए लोकसभा के पूर्व सैक्रेटरी जनरल सुभाष सी. कश्यप और कई सचिवों की राय जानने की कोशिश की जा रही है। मौजूदा प्रावधान जिसके अनुसार चुनाव तय समय से 6 महीने पहले तक करवाए जा सकते हैं की जांच की जा चुकी है। इसके अनुसार इसमें बदलाव के लिए संविधान में संशोधन जैसे जटिल रास्तों की जरूरत नहीं पड़ेगी।


हालांकि सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती राजनीतिक रूप से आम सहमति बनाने की होगी। अगले लोकसभा चुनाव अप्रैल 2019 में होने हैं। इन्हें मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम के साथ करवाया जा सकता है। इनमें मिजोरम को छोड़कर बाकी सभी राज्यों में भाजपा सत्ता में है। इन सभी राज्यों की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल नवम्बर-दिसम्बर 2018 में समाप्त हो रहा है। इसके अलावा अगर राजनीतिक दलों में सहमति बनती है तो तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों में भी विधानसभा चुनाव इन चुनावों के साथ करवाए जा सकते हैं।


इन राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल भी अप्रैल 2019 तक है। प्रधानमंत्री कई मौकों पर दोनों चुनावों को साथ करवाने की बात कह चुके हैं। उनका कहना है कि इसके लिए भाजपा और विपक्ष दोनों को कुछ त्याग करने होंगे। मोदी कह चुके हैं कि इसे संभव बनाने के लिए एक से अधिक पाॢटयों को इसके लिए साथ आना होगा।

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