यंग इंडिया की पुकार, युवाओं के निशाने पर मोदी सरकार

Wednesday, May 25, 2016 - 12:18 PM (IST)

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार को 26 मई को दो साल हो जाएंगे। इन दो सालों में मोदी सरकार ने उपलब्धियां भी हासिल कीं और कई विवादों से भी घिरी रही। युवाओं के विकास का नारा देने वाली मोदी सरकार के काल में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र किसी न किसी मुद्दे को लेकर सरकार से नाराज रहे। इन मामलों में सरकार समय-समय पर अपना स्टैंड स्पष्ट करने में कामयाब भी रही और कई बार उसकी किरकिरी भी हुई। आइए बात करते हैं मोदी सरकार के कार्यकाल में विश्वविद्यालय व शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े कुछ विवादों की....
 
1. रोहित वेमुला आत्महत्या प्रकरण ने काफी तूल पकड़ा 
हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में पीएचडी कर रहे दलित छात्र रोहित वेमुल्ला चक्रवर्ती ने १७ जनवरी को आत्महत्या की। इस घटना के बाद पूरे देश में हंगामा हुआ। अपने सुसाइड नोट में रोहित वेमला ने लिखा था, मेरे लिए आंसू न बहाएं, ये समझ लें कि जिंदा रहने की बजाय मैं मरने से खुश हूं। इस मामले में विवाद इतना बढ़ गया कि बाद में रोहित के साथ निलंबित किए चारों विद्यार्थियों का निलंबन रद करना पड़ा। इस मुद्दे पर 15 दलित शिक्षकों ने भी इस्तीफा दिया था। इस मामले में केंद्रीय विश्वविद्यालय के वीसी, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की काफी किरकिरी हुई। रोहित वेमुला के भाई और मां अब बौद्ध धर्म में चले गए हैं। 
 
2. एनआईटी श्रीनगर में मैच के बाद शुरू हो गया पंगा
भारत-वेस्टइंडीज टी-20 मैच में टीम इंडिया की हार के बाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, श्रीनगर में वहां के स्थानीय छात्रों ने भारत की हार का जश्न मनाया। उसी संस्थान में पढऩे वाले दूसरे राज्यों के विद्यार्थियों ने जब इसका विरोध किया तो वहां विवाद हो गया। बाहरी राज्यों से आए विद्यार्थियों ने स्पष्ट कह दिया कि वे खुद को यहां असुरक्षित मान रहे हैं, इसलिए उन्हें वहां से जल्दी ले जाया जाए। अपरोक्ष रूप से केंद्र सरकार का प्रतिनिधि बनकर भाजपा सांसद किरण खेर के पति अभिनेता अनुपम खेर ने श्रीनगर जाने की कोशिश की लेकिन उन्हें रोक दिया गया। बताते हैं कि बाहरी राज्यों के विद्यार्थियों ने अब एनआईटी में परीक्षा तक नहीं दी।    
 
3. एफटीआईआई चेयरमैन पद गजेंद्र चौहान की नियुक्ति
फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के चेयरमैन पद पर अभिनेता गजेंद्र चौहान की नियुक्ति का विद्यार्थियों ने काफी विरोध किया। सरकार किसी भी हाल में इस नियुक्ति रद्द करने के मूड में नहीं दिखी। कभी ६०, कभी ५, कभी १० प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों को हिरासत में लिया गया। इस विवाद पर कांग्रेस ने काफी राजनीतिक रोटियां सेंकी। खुद विद्यार्थियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर विवाद सुलझाने की अपील की। कुल मिलाकर इस मामले में भी विद्यार्थी सड़क पर नारे लगाते दिखे।
 
4. जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में बरपा हंगामा
राष्ट्रद्रोह के आरोप से शुरू हुआ जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय का विवाद अभी भी जारी है। यहां के कुछ छात्रों पर राष्ट्रद्रोह के आरोप लगाए गए। इस मामले में जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार व कुछ विद्यार्थियों को हिरासत में भी लिया गया। इस मामले में वामपंथियों के नेतृत्व में काफी संख्या में विद्यार्थियों के निशाने पर मोदी सरकार रही।
Advertising