कोलकाता हाईकोर्ट ने ममता को दिया झटका, नई तारीखों पर चुनाव कराने का दिया आदेश

Friday, Apr 20, 2018 - 07:05 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कोलकाता हाईकोर्ट ने ममता सरकार को बड़ा झटका देते हुए राज्य चुनाव आयोग को बंगाल में होने वाले पंचायती चुनाव की तारीकों में फेरबदल करने को कहा है। कोर्ट ने आयोग को नई तारीखों के साथ-साथ नामांकन प्रक्रिया की तारीख भी बढ़ाने का निर्देश दिया है।

11 अप्रैल की घटना के बाद आया आदेश
पंचायत चुनाव की तारीखों में फेरबदल का आदेश उस घटना के बाद आया है, जिसमें 11 अप्रैल को तृणमूल कांग्रेस में संदिग्ध गुटीय लड़ाई में दो लोगों की मौत हो गई थी। जिले के सासन इलाके में फाल्ती ग्राम पंचायत में पार्टी उम्मीदवार की निर्वरोध जीत के बाद रैली निकाली गई थी। इस चुनाव में बड़ी संख्या में सत्तारूढ़ पार्टी के लोग निर्विरोध चुन लिए गए थे। जिसके बाद विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया।

पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक पंचायत चुनाव 1, 3  और 5 मई तो तीन चरणों में संपन्न कराए जाने थे। जिसके नामांकन-पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 9 अप्रैल थी। लेकिन आयोग ने तारीख बढ़ाकर 10 अप्रैल कर दिया था। हाईकोर्ट ने 12 अप्रैल को सभी प्रकार की चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए पूरी रिपोर्ट तलब की।

ममता ने लगाया जानबूझकर देरी करने का आरोप
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने माकपा, कांग्रेस और बीजेपी पर राज्यों में पंचायत चुनाव प्रक्रिया में जानबूझ कर देरी करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि माकपा, कांग्रेस और बीजेपी तीन भाई हैं। जो नई दिल्ली में एक भूमिका में नजर आते हैं और पश्चिम बंगाल में दूसरी भूमिका निभाते हैं। वे अफवाह फैला रहे हैं और टीवी पर अपने चेहरे दिखाने के लिए ये सब करते हैं।

उल्लेखनीय है कि बीजेपी ने 6 मार्च को कोलकाता हाईकोर्ट से कहा था कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है क्योंकि सत्तारूढ़ दल व्यापक पैमाने पर चुनावी हिंसा में लिप्त है और आगामी पंचायत चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवारों को नामांकन नहीं करने दिया जा रहा है।

भाजपा ने राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से नियुक्त सहायक पंचायत चुनाव पंजीकरण अधिकारी पर बीजेपी उम्मीदवारों को नामांकन फार्म न देने का आरोप लगाया था। पंश्चिम बंगाल में बीजेपी ने नामांकन फार्म ऑनलाइन उपलब्ध कराने की मांग की थी।

कोलकाता हाईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए 12 अप्रैस को सत्ताधारी दल को बड़ा झटका देते हुए चुनाव प्रक्रिया पर 16 अप्रैल तक रोक लगा दी और चुनाव आयोग से कोर्ट के समक्ष चुनाव से जुड़ी सारी रिपोर्ट पेश करने को कहा था। 

Yaspal

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