सामने आईं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के बारे में गड़बडिय़ां

Friday, Aug 12, 2016 - 06:08 PM (IST)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के बारे में भारत के महानियंत्रक लेखा परीक्षक (सीएजी) की ताजा रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि 19 राज्यों ने बताया है कि उनके यहां सड़कों को बस्तियों से जोड़ दिया गया है जबकि वास्तविकता यह है कि उन्हें जोड़ा ही नहीं गया है। इतना ही नहीं इन राज्यों में सड़क निर्माण के लिए वास्वतिक बस्तियों को भी शामिल नहीं किया गया और बस्तियों के बारें में जनसंख्या आदि की सही जानकारी भी नहीं दी गई। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटका, केरल, मणिपुर, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, राजस्थान आदि शामिल है।

एक नजर कैग की रिपोर्ट परः
संसद में आज पेश इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि फंड उपलब्ध न होने के कारण या भूमि विवाद के कारण 11 राज्यों में सड़क निर्माण के 372 परियोजनाएं बीच में ही छोड़ दी गई जिसके कारण 280 करोड रुपए का नुकसान हुआ है।

नौ राज्यों में सड़क निर्माण कार्य ऐसे ठेकेदारों को दिया गया जो इसके लिए योग्य ही नहीं थे और इतना ही नहीं ठेके के नीलामी के नियमों में बदलाव भी किए गए और निर्धारित समय के भीतर काम-काज पूरा भी नहीं हुआ। कई अन्य तरह की अनियमितताएं ठेके देने में बरती गई।

कई राज्यों में सड़क निर्माण कार्य में फंड को देर से जारी किए जाने या कम फंड मुहैया कराने और फंड न उपलब्ध कराए जाने के मामले भी सामने आया।

सात राज्यों में सड़कों के रख-रखाव के लिए निर्धारित फंड की आधी से अधिक राशि का इस्तेमाल किया गय़ा।

सात राज्यों में जिला ग्रामीण सड़क योजना बनाने में ही जन संख्या, नक्शा और सड़क मार्ग के बारे में कई तरह की बुनियादी जानकारियां ही नहीं दी गई और इस योजना को जिला पंचायत की मंजूरी नहीं ली गई।

16 राज्यों में सड़क निर्माण के 45 कार्यक्रमों में हुए 131.56 करोड़ रुपए के नुकसान के लिए इन राज्यों को जिम्मेदार भी नहीं ठहराया गया।  

 
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