कोरोना संकट: सांसदों की सैलरी में 30% की कटौती, राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति भी लेंगे कम वेतन

Monday, Apr 06, 2020 - 05:02 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्रीय मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद ने सोमवार को फैसला किया कि सांसदों के वेतन में एक साल के लिए 30 फीसदी की कटौती होगी। सरकार के मुताबिक इसकी पेशकश खुद सांसदों ने कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने बताया कि सांसदों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती के संदर्भ में अध्यादेश लाने का निर्णय हुआ। 

 

जावेड़कर ने कहा कि सांसदों, मंत्रियों और अन्य लोगों ने खुद अपने सामाजिक उत्तरदायित्व की पेशकश की थी। इसके मद्देनजर सांसदों के वेतन में एक साल के लिए 30 फीसदी की कटौती का निर्णय हुआ। उन्होंने कहा कि सांसदों के वेतन और भत्तों में कमी से संबंधित अध्यादेश पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के बाद यह प्रभावी हो जायेगा। इस अध्यादेश के दायरे में प्रधानमंत्री, उनके मंत्रिमंडल के सदस्य और सभी सांसद आयेंगे। हालांकि राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपाल इस अध्यादेश के दायरे से बाहर हैं लेकिन उन्होंने स्वेच्छा से अपने वेतन में 30 फीसदी कमी करने का निर्णय लिया है। 

 

मंत्री ने कहा कि इन दोनों ही मद में कमी के कारण बचने वाली राशि देश के कंसोलिडेटिड फंड में जमा की जायेगी। पहले सभी सांसदों ने अपनी सांसद निधि से एक-एक करोड़ रूपये की राशि कोरोना वायरस के लिए गठित कोष में आवंटित करने की बात कही थी। अब सरकार ने दो वर्षों यानी वर्ष 2020 और 2021 तक के लिए सांसद निधि को अस्थायी तौर पर स्थगित करने का निर्णय लिया है। अब प्रत्येक सांसद की दो वर्ष की निधि यानी 10 करोड़ की राशि कोरोना वायरस के कारण उपजे संकट से लड़ने के लिए स्वास्थ्य संसाधन जुटाने में दी जायेगी।

 

 यह राशि 7900 करोड़ रुपये के बराबर होगी और इसे भी देश के कंसोलिडेटिड फंड में जमा किया जायेगा। जावेड़कर ने कहा कि सरकार ने यह निर्णय आगे बढ़कर पहल करते हुए एक उदाहरण स्थापित करने के लिए किया है और सभी ने इसका स्वागत किया है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंंने कहा कि विधायक निधि के बारे में फैसला राज्य सरकार करेंगी।   

vasudha

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