देशभर में खुलेंगे 75 नए मेडिकल कॉलेज, मोदी सरकार ने लिया फैसला

Thursday, Aug 29, 2019 - 05:57 AM (IST)

नई दिल्ली: मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने 75 सरकारी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना करने की बुधवार को मंजूरी दी जिन्हें 2021-22 तक मौजूदा जिला अस्पतालों या रेफर किए जाने वाले अस्पतालों के के साथ जोड़ा जाएगा। इन मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से देश में एमबीबीएस की 15,700 नई सीट सृजित होंगी। सरकार की ओर से जारी बयान में बताया गया कि ये सभी मेडिकल कॉलेज वैसे स्थानों पर खोले जाएंगे जहां पहले से ऐसे कोई संस्थान नहीं हैं। इन्हें उन जिला अस्पतालों के साथ जोड़ा जाएगा जिनमें कम से कम 200 बेड हों। इसमें कहा गया कि प्राथमिकता, ‘आकांक्षी जिलों'और 300 बेड वाले जिला अस्पतालों को दी जाएगी। 


यह प्रस्ताव केंद्र प्रायोजित योजना के तीसरे चरण का हिस्सा है जो जिला या रेफरल अस्पतालों के उन्नयन के माध्यम से नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से संबंधित है। ये कॉलेज 24,375 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से खोले जाएंगे। केंद्रीय मंत्रिमंडल को इसकी बैठक में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक को संसद में पारित कराए जाने के दौरान उसमें किए गए संशोधनों से बुधवार को अवगत कराया गया। विधेयक के मूल संस्करण को कैबिनेट ने 17 जुलाई को मंजूरी दी थी और दोनों सदनों ने सरकारी संशोधनों के साथ क्रमश: 29 जुलाई और एक अगस्त को इसे पारित किया था। 

बयान में कहा गया कि कैबिनेट को इन बदलावों से अवगत करा दिया गया है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने औषधि एवं होम्योपैथी की पारंपरिक पद्धतियों के क्षेत्र में भारत और गिनी के बीच सहमति पत्र को पूर्व प्रभाव से मंजूरी दी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के गिनी के तीन दिवसीय दौरे के दौरान इस सहमति पत्र पर दो अगस्त को हस्ताक्षर हुए थे। इसमें कहा गया कि यह समझौता औषधि की पारंपरिक पद्धति के क्षेत्र में दो देशों के बीच हुए द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाएगा और उनकी साझा सांस्कृतिक विरासत को ध्यान में रखते हुए दोनों देशों के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण होगा। 


इसके अतिरिक्त केंद्रीय मंत्रिमंडल ने औषिधीय पादपों के क्षेत्र में सहयोग पर राष्ट्रीय औषिधीय पादप बोर्ड, आयुष मंत्रालय और पेरु गणतंत्र के स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के बीच एक समझौते पर हुए हस्ताक्षर को मंजूरी दी। एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि इस तथ्य पर गौर करते हुए कि दोनों देशों के पास समृद्ध औषधीय पादप जैव विविधता है और औषधीय पादप आधारित औषधि की पारंपरिक पद्धति है तथा मौजूदा दोस्ताना एवं सहोयगात्मक संबंधों को मान्यता देते हुए, प्रस्तावित समझौता दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देगा। 

shukdev

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