BYE-BYE 2018: ISRO ने रचा इतिहास, सालभर लॉन्च किए कई मिशन

Monday, Dec 31, 2018 - 02:56 PM (IST)

नई दिल्ली: साल का आखिरी महीना अब बस खत्म होने की कगार पर है और अगला महीना यानि जनवरी के साथ नया साल 2019 आने वाला है। अपने आधुनिक आविष्कारों और खोजों के कारण दुनिया भर में भारत का नाम स्वर्ण अक्षरों से लिखवाने वाला देश के अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) ने विज्ञान विकास में हर साल की तरह इस साल भी कई उपलब्धियां हांसिल की है। चलिए जानते हैं इस साल इसरों की कुछ उपल्बधियों पर... .



PSLV के जरिए एक साथ 31 उपग्रह को किया लॉन्च
भारत के स्पेस रिसर्च सेंटर इसरो ने अंतरिक्ष में अपना शतक पूरा कर दिया है। भारत के 100वें उपग्रह का प्रक्षेपण, श्रीहरिकोटा से PSLV C-40 लॉन्च कर दिया है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किए गए PSLV सी-40 से 3 स्वदेशी और 28 विदेशी उपग्रहों का प्रक्षेपण किया गया है। अर्थ नैविगेशन के लिए प्रक्षेपित किया गया 100वां उपग्रह कार्टोसेट-2 सीरीज मिशन का प्राथमिक उपग्रह है। इस सैटलाइट को अंतरिक्ष की तस्वीर लेने के लिए बनाया गया है। इसकी खास बात ये है कि ये पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर पैनी नजर बनाए रखेगा। 



भारत के सबसे भारी उपग्रह जीसैट-11 का सफल प्रक्षेपण
भारत के सबसे भारी उपग्रह जीसैट-11 का बुधवार तड़के फ्रेंच गुयाना से एरिएयनस्पेस रॉकेट की मदद से सफल प्रक्षेपण किया गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि जीसैट-11 का सफल प्रक्षेपण देश में ब्रॉडबैंड सेवा को और बेहतर बनाने में मदद करेगा। 



भारत ने किया अग्नि 5 का सफल परीक्षण
 भारत ने सोमवार को ओडिशा तट के पास डॉ अब्दुल कलाम द्वीप से परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि 5 का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया। यह मिसाइल 5,000 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य भेद सकने में सक्षम है।  सतह से सतह पर मार करने वाली, स्वदेश में विकसित इस मिसाइल का यह सातवां परीक्षण है। अग्नि 5 तीन चरणों में मार करने वाली मिसाइल है जो 17 मीटर लंबी, दो मीटर चौड़ी है और 1.5 टन तक के परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। अधिकारियों के मुताबिक इस श्रृंखला की अन्य मिसाइलों के उलट अग्नि 5 मार्ग एवं दिशा-निर्देशन, विस्फोटक ले जाने वाले शीर्ष हिस्से और इंजन के लिहाज से सबसे उन्नत है।

कम्यूनिकेशन सैटलाइट GSAT-7A किया लॉन्च
 
इसरो ने भूस्थैतिक संचार उपग्रह जीसैट-7ए का आज प्रक्षेपण कर इतिहास रच दिया है। यह सैटलाइट भारतीय वायुसेना के लिए बहुत खास है। इस सैटलाइट की लागत 500-800 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। इसकी सफलता से भारतीय वायुसेना के जरिए वायुसेना को भूमि पर रेडार स्टेशन एयरबैस और एयरबॉर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्‍टम (AWACS) से इंटरलिंकिंग की सुविधा मिलेगी। इससे वायुसेना को को युद्ध के दौरान नेटवर्किंग में मदद मिलेगी और साथ ही ग्‍लोबल ऑपरेशंस में दक्षता बढ़ेगी।इस सेटैलाइट से इंटरनेट की रफ्तार तेज होगी। इस सेटैलाइट से इंटरनेट की रफ्तार तेज होगी। 



ISRO ने लॉन्च किया PSLV-C 43 
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने विश्वसनीय रॉकेट पीएसएलवी-सी 43 को गुरुवार को यहां भारत के पृथ्वी अवलोकन उपग्रह हिसआईएस और आठ देशों के 30 अन्य उपग्रहों को लेकर रवाना किया और भारतीय उपग्रह सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित हो गया।इसरो द्वारा विकसित भू प्रेक्षण उपग्रह ‘हाइपर स्पेक्ट्रल इमेजिंग सैटेलाइट’ (हिसआईएस) पीएसएलवी-सी 43 मिशन का प्रमुख उपग्रह है। इसरो ने बताया कि अंतरिक्षयान का वजन करीब 380 किलोग्राम है और इसे 97.957 अंश झुकाव के साथ 636 किलोमीटर-पोलर सन सिंक्रोनस कक्षा में स्थापित किया गया।

 

Anil dev

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