Bye-Bye 2018: अटल बिहारी वाजपेयी समेत इन 5 राजनीतिक हस्तियों ने दुनिया को कहा अलविदा

Thursday, Dec 20, 2018 - 04:59 PM (IST)

नई दिल्ली: साल 2018 में अब कुछ ही दिन शेष बचे हुए हैं। 2018 के साल में हमने काफी खुशियों के पल जिए हैं तो दूसरी और इस साल कभी ना भूलने वाले दर्द भी मिले हैं। साल 2018 में राजनीति की कुछ ऐसी हस्ति हमारे बीच से गई हैं जिनकी यादें इस देश के लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी। इनमें ऐसे दिग्गज नेताओं के नाम शामिल हैं जिनमें से कोई भारत का प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री , सांसद या फिर किसी राज्य का मुख्यमंत्री रहने का गौरव प्राप्त हो। चलिए तो आज हम उन सब के बारे में आपको स्मरण करवाते हैं। 

1- अटल बिहारी वाजपेयी

देश के पूर्व प्रधानमंत्री, प्रखर वक्ता, कवि, पत्रकार और करोड़ों लोगों के दिल पर राज करने वाले नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने लंबी बीमारी के बाद दिल्ली को एम्स में 16 अगस्त 2018 को इस दुनिया से अलविदा कह दिया। हालांकि वे आज भी लोगों और अपने प्रशंसकों के जेहन में जिंदा हैं। अटल बिहारी की जितनी बड़ी शख्सियत है उतना ही साधारण स्वभाव था उनका। यही वजह थी कि उनकी अंतिम यात्रा में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई दिग्गज नेता पैदल चल कर गए थे। अटल बिहारी वाजपेयी 93 वर्ष के थे। उन्होंने समावेशी राजनीति को आगे बढ़ाते हुए बखूबी गठबंधन सरकार चलाई थी। भारतीय जनसंघ की स्थापना में भी अटल बिहारी वाजपेयी अहम भूमिका थी। वे 1968 से 1973 तक जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे। अटल जी लंबे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन आदि पत्र-पत्रिकाओं के सम्पादन भी करते रहे।

2- एम करुणानिधि

द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष एम करुणानिधि ने इसी साल अगस्त के ही महीने में सात तारीख को 94 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्होंने लंबी बीमारी के बाद सात अगस्त को चेन्नई के कावेरी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे दक्षिण भारत की राजनीति के बादशाह माने जाते थे। जीवन में कभी राजनीति में हार नहीं मानने वाले करुणानिधी ने लोगों के दिल में खास पहचान बनाई। करुणा निधी के बीमार होने पर लोगों ने उनकी जान की सलामति की दुआएं मांगी। हालांकि वे जिंदगी से जंग हार गए। जिसके बाद उनके समर्थक शोक में डूब गए। करुणानिधी की अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। बता दें कि करुणानिधी नास्तिक विचारधारा को मामने वाले नेता थे। उनकी विचार धारा हमेशा ही हिंदूवादी संगठनों के खिलाफ रही।

3- एनडी तिवारी 

नारायण दत्त (एन.डी) तिवारी को राजनीति के बड़े दिग्गजों में माना जाता था। उन्होंने 92 साल की उम्र में 18 अक्टूबर 2018 को इस दुनिया से अलविदा कह दिया था। एनडी तिवारी उत्तर प्रदेश की राजनीति के हीरो रहे। वे इकलौते ऐसे शख्स थे जो किन्हीं दो राज्यों के मुख्यमंत्री के पद पर सुशोभित हुए। वे 3 बार उत्तर प्रदेश और 1 बार उत्तराखंड के सीएम रहे। इसके अलावा तिवारी आंध्र प्रदेश के गवर्नर भी रहे चुके हैं, और वे केंद्र में वित्त और विदेश मंत्री भी रह चुके हैं।  

4- अनंत कुमार

भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री रहे अनंत कुमार ने 59 साल की उम्र में 12 नवंबर को इश दुनिया को अलविदा कह दिया है। काफी समय से कैंसर से पीड़ित अनंत कुमार ने कर्नाटक के बेंगलुरु में अंतिम सांस ली। वह केंद्र  सरकार में संसदीय कार्यमंत्री के साथ बेंगलुरु साउथ से सांसद भी थे। अनंत कुमार के निधन के बाद पूरी भारतीय जनता पार्टी में शोक की लहर दौड़ गई है। अनंत कुमार के निधन के बाद कर्नाटक में तीन दिनों का शोक घोषित किया गया था। बता दें कि अनंत कुमार पहले ऐसे शख्स थे, जिन्होंने युनाइटेड नेशन्स (यूएन) में कन्नड़ में भाषण दिया था।

5- सी.के.जाफर शरीफ 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में एक और पूर्व केंद्रीय मंत्री  सी के जाफर शरीफ ने 25 नवंबर को इस दुनिया से अलविदा कह दिया। उनका निधन एक अस्पताल में हुआ। उस वक्त उनकी उम्र 85 साल थी। बताया जाता है कि सी के जाफर शरीफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में एक थे, और वह भारत के सबसे सफल रेल मंत्री भी रहे। सी के जाफर शरीफ का समुदायों के साथ एक व्यापक संपर्क था और वह एक सच्चे धर्म निरपेक्ष नेता थे।

Anil dev

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