पीडीपी के बिगड़े बोल: कहा-बुरहान वानी आतंकी नहीं था

punjabkesari.in Thursday, Mar 14, 2019 - 11:34 AM (IST)

श्रीनगर : महूबबा मुफ्ती की अगुवाई वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पी.डी.पी.) के एक वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक त्राल मुश्ताक अहमद शाह ने नैशनल कांफ्रैंस (नैकां) अध्यक्ष डॉ फारुक अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए कहा कि बुरहान वानी आतंकी नहीं बल्कि नैंका के निरंकुश शासन का शिकार था। बता दें कि नैंका अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला द्वारा बुरहान वानी को आतंकी कहे जाने पर शाह ने उनपर निशाना साधा। एक बयान में शाह ने कहा कि बुरहान वानी को आतंकी करार देना अपमानजनक है। फारुक अब्दुल्ला के बयान ने एक बार फिर से नैकां की वास्तविक विचारधारा का खुलासा किया है और साबित कर दिया कि नैकां निर्लज्ज हत्यारों की पार्टी है। 

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पी.डी.पी. नेता ने कहा कि फारुक अब्दुल्ला को पता होना चाहिए कि यह उनके बेटे उमर अब्दुल्ला की सरकार थी जिसने बुरहान वानी को उसके भाई सहित उमर की निगरानी में सेना द्वारा अपमानित और प्रताडि़त करने के बाद बंदूक उठाने के लिए मजबूर किया था। फारुक अब्दुल्ला को यह महसूस करना चाहिए कि यह निरंकुशता का वह विशाल परिणाम था जिसने पूरी पीढी को छल और बेईमानी के खिलाफ हथियार उठाने पर मजबूर कर दिया। शाह ने कहा कि कश्मीर के युवाओं ने कश्मीर समस्या के राजनीतिक समाधान की तलाश के लिए अनगिनत बलिदान दिए हैं और फिर भी फारुक अब्दुल्ला ने पूरी पीढी को आतंकवादी कहते हुए बेशर्मी से दिल्ली में अपने दोस्तों को खुश करने की कोशिश की है। 

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उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखने की प्रतिज्ञा से लेकर बुरहान वानी को आतंकी कहने तक फारुक अब्दुल्ला अपनी सत्ता की लालसा के लिए अपने आकाओं को खुश करने के लिए किसी भी हद तक चले जाएंगे। कश्मीर में बलिदान की संस्था पवित्र है और अब्दुल्ला को कम से कम अपनी क्षुद्र राजनीति से बाहर निकलना चाहिए। बता दें कि बुरहान वानी कश्मीर में आतंकी संगठन हिजबुल मुझाहिदीन का पोस्टर बॉय था जिसको सेना ने 2016 में मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। वानी की मौत के बाद घाटी में लगभग छह महीने तक अशांति फैली जिसमें सैंकडों नागरिकों की मौत हो गई। 
 
 


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Monika Jamwal

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