25 लाख की कीमत वाली भैंस, बेचने के लिए तैयार नहीं हैं मालिक, जीत चुकी है कई पुरस्कार
punjabkesari.in Tuesday, Mar 04, 2025 - 11:54 AM (IST)

नेशनल डेस्क: रोहतक जिले के मशहूर पशुपालक मास्टर अनिल कुमार इन दिनों अपने दो मुर्रा नस्ल की भैंसों के कारण चर्चा में हैं। वे हाल ही में करनाल के डेरी पशु मेले में भाग लेने पहुंचे थे, जहां उनकी भैंसें करिश्मा और कबूतरी ने खूब ध्यान आकर्षित किया। इस मेले में उनकी भैंसों की कीमत लाखों में आंकी गई, लेकिन इन भैंसों को बेचने का सवाल ही नहीं उठा। अनिल कुमार ने साफ कहा कि वह अपने पशुओं को सिर्फ प्रेम और पालन के लिए रखते हैं, न कि बेचन के लिए।
करिश्मा की कीमत 25 लाख रुपये लगाई गई थी, लेकिन इसके बावजूद अनिल कुमार ने इसे बेचने से इंकार कर दिया। उनका कहना है कि पशुपालन उनके लिए केवल व्यापार नहीं, बल्कि एक जुनून है। करिश्मा ने हाल ही में मुजफ्फरनगर में आयोजित एक चैंपियनशिप में पहला स्थान प्राप्त किया और यह उनकी दूसरी चैंपियनशिप जीत थी। इसके अलावा, करिश्मा ने विभिन्न मेलों में कई बार पहले स्थान पर रहते हुए पुरस्कार जीते हैं।
वहीं दूसरी भैंस कबूतरी भी किसी से कम नहीं है। कबूतरी ने कुरुक्षेत्र में आयोजित चैंपियनशिप में दूसरा स्थान प्राप्त किया और अपनी काबिलियत साबित की। अनिल कुमार बताते हैं कि उनके पास कुल 5 पशु थे, जिनमें से एक बछिया ने भी मेला में प्रथम स्थान प्राप्त किया। ये सभी पशु अच्छी नस्ल के हैं और अनिल कुमार इनसे मुनाफा कमा रहे हैं। अनिल कुमार ने पशुपालकों को सलाह दी कि वे अच्छे नस्ल के पशु खरीदें और उनका सही तरीके से पालन-पोषण करें। उनका मानना है कि पशु पालन से सिर्फ अच्छा मुनाफा ही नहीं होता, बल्कि पशुपालकों को सम्मान भी मिलता है। वे खुद भी अपने पशुओं का दूध और घी बेचते हैं, जिससे उन्हें काफी लाभ होता है। उन्होंने उदाहरण के रूप में बताया कि करिश्मा की कटिया से उन्हें अब तक 2 लाख रुपये का मुनाफा हो चुका है।
अनिल कुमार ने यह भी बताया कि उनकी भैंसों को खास आहार दिया जाता है, जिसमें देसी घी, सोयाबीन, चना, खल, बिनोला और गुड़ प्रमुख रूप से शामिल हैं। यह आहार भैंसों की सेहत और दूध उत्पादन को बेहतर बनाता है, जिससे उनके मालिक को अच्छा मुनाफा मिलता है। मास्टर अनिल कुमार का कहना है कि पशुपालक अगर अपने पशुओं से सच्चा प्यार करते हैं और उन्हें सही खुराक देते हैं, तो उन्हें निश्चित रूप से मुनाफा होगा। उनका यह संदेश अन्य पशुपालकों के लिए प्रेरणादायक है, क्योंकि उनका मानना है कि केवल व्यावसायिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि पशुपालन को एक जिम्मेदारी के रूप में देखना चाहिए।