पूजा.... हंगामा....निराशा, कुछ ऐसा था बजट से पहले और बाद का नजारा
2021-02-01T16:58:35.77

नेशनल डेस्क: 1 फरवरी 2021 की शुरुआत कई उम्मीदों के साथ हुई। आज पूरा देश बजट पर टकटकी लगाए बैठा था।बजट पेश किए जाने से पहले केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने घर पर हनुमान जी की पूजा की। इसके बाद वह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ संसद पहुंचे।
पिछले बार की तरह इस बार भी निर्मला सीतारमण की साड़ी खूब चर्चा में रही। कहा जाता है कि लाल साड़ी का काफी महत्व है. इसे पवित्र मौकों पर या धार्मिक अनुष्ठानों पर पहना जाता है। जैसे ही वित्त मंत्री ने वर्ष 2021-22 के लिये प्राप्तियों और खर्च का लेखाजोखा पेश किया ताे पूरा देश टीवी के सामने आकर बैठ गया।
सीतारमण ने इस बार बजट भाषण कागजी दस्तावेज के बजाय टैबलेट से पढ़ा। बजट प्रस्ताव पढ़ने के बाद वित्त मंत्री ने मध्यावधि राजकोषिय नीति रणनीति वक्तव्य और बृहद आर्थिक रूपरेखा वक्तव्य पेश किया ।इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिये स्थगित कर दी ।
जब वित्त मंत्री बजट पेश कर रही थीं, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल, सुखवीर बादल, आम आदमी पार्टी के भगवंत मान और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने तीन हालिया कृषि कानूनों को लेकर विरोध दर्ज कराया।
सदन में पहुंचने से पहले इन सांसदों ने लोकसभा परिसर में भी नारेबाजी की और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। ये सांसद इन कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए पिछले करीब दो महीनों से दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
बजट भाषण में आस्ट्रेलिया में भारतीय क्रिकेट टीम की ऐतिहासिक टेस्ट जीत का जिक्र भी हुआ। निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में कहा कि एक क्रिकेट प्रेमी देश की नागरिक होने के नाते मैंने आस्ट्रेलिया में भारत की ऐतिहासिक जीत पर अपार प्रसन्नता का अनुभव किया । उन्होंने कहा कि इसमें वह सारे गुण थे जो हम में खासकर हमारे युवाओं में परिलक्षित होते हैं ।
कोरोना के बाद आए इस पहले बजट में स्वास्थ्य और शिक्षा पर तो सरकार की नजर रही लेकिन कोरोना की मार झेल रहे व्यपारियों को इस बजट से निराशा ही हाथ लगी। टैक्स स्लैब में बदलाव नही होने के कारण मिडिल क्लास और व्यवसायी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
लंबे समय से अपनी सैलरी की बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को इस बजट से काफी उम्मीदें थी।