बजट की वो मुख्य बातें, जिसे जानना हर किसी के लिए बेहद जरूरी

Monday, Feb 01, 2021 - 04:20 PM (IST)

बिजनेस डेस्क: वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट हर बार से इस बार कुछ अलग था। कोविड-19 के प्रभाव के मद्देनजर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट कागजी दस्तावेज के बजाय टैबलेट से पढ़ा।  वित्त मंत्री  के 1 घंटा 50 मिनट में पढ़े गए बजट भाषण के दौरान  सत्तापक्ष के सदस्यों ने 90 से अधिक बार मेज थपथपाकर विभिन्न प्रस्तावों का स्वागत किया । इस बार बजट में आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, वहीं पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (पीएसयू) में विनिवेश को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है. इसके साथ ही पेट्रोल और डीजल पर कृषि सेस लगाया गया है, हालांकि, इसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा। ताे पढिए बजट की कुछ मुख्यें बातें, जो हर किसी के लिए जाननी बहुत जरूरी है। 

 

स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च

  • स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च 137 प्रतिशत बढ़ाकर 2.23 लाख करोड़ रुपये किया गया। 
  • एक अप्रैल से शुरू अगले वित्त वर्ष में कोविड टीके के लिये 35,000 करोड़ रुपये के व्यय का प्रावधान।
  • देश में कोरोना से बचाव के लिये दो टीके उपलब्ध, दो और टीके जल्दी ही जारी किये जाएंगे।
  • अगले वित्त वर्ष में पूंजी व्यय उल्लेखनीय रूप से बढ़ाकर 5.54 लाख करोड़ रुपये किया गया जो चालू वित्त वर्ष में 4.39 लाख करोड़ रुपये था। 


राजकोषीय घाटा

  • चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटा 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जो बजटीय अनुमान 3.5 प्रतिशत से कहीं अधिक है।
  • अगले वित्त वर्ष के लिय राजकोषीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान। सरकार 12 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेगी।
  • सरकार 2025-26 तक राजकोषीय घाटा 4.5 प्रतिशत के नीचे लाने को लेकर प्रतिबद्ध।


सस्ता-महंगा 

  • सोने और चांदी की मिश्र धातुपर कृषि बुनियादी ढांचा उपकर 2.5 प्रतिशत, सेब पर 35 प्रतिशत लगाया गया। 
  • बजट में काबुली चना पर 30 प्रतिशत, मटर पर 10 प्रतिशत, बंगाल चना पर 50 प्रतिशत, मसूर पर 20 प्रतिशत, कपास पर 5 प्रतिशत पर कृषि बुनियादी ढांचा उपकर। 
  • पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर का उपकर लगाया गया।
  • नया कृषि बुनियादी ढांचा विकास उपकर दो फरवरी से लागू होगा।


कर प्रस्ताव

  • 75 साल से अधिक के वरिष्ठ नागिरकों के लिये आईटीआर (आयकर रिटर्न) भरना अनिवार्य नहीं, बैंक टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काटेंगे। आयकर मामलों को दोबारा से खोलने के लिये समयसीमा आधा कर 3 साल किया गया।
  • गंभीर धोखाधड़ी मामलों में यह 10 साल है।
  • आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या बढ़कर 2020 में 6.48 करोड़ हुई जो 2014 में 3.31 करोड़ थी।

 

आबंटन और सुधार

  • बीमा क्षेत्र में एफडीआई 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत किया गया। 
  • विनिवेश लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपये रखा गया। 
  • जिन कंपनियों का विनिवेश किया जाएगा, बीपीसीएल, आईडीबीआई बैंक, सार्वजनिक क्षेत्र के दो और बैंकों तथा एक बीमा कंपनी शामिल हैं। 
  • अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जाएगी।
  • बजट में 64,180 करोड़ रुपये के आबंटन के साथ आत्मनिर्भर स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया गया। 

 

कर छूट

  • कर विभाग प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को दोहरे कराधान से होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिये नियमों को अधिसूचित करेगा। स्टार्टअप के लिये कर अवकाश, पूंजीगत-लाभ कर छूट एक साल के लिये बढ़ायी गयी। 
  • विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों, प्रवासी मजदूरों के लिये अधिसूचित सस्ते मकान के लिये कर छूट।
  • सस्ते मकान के लिये ब्याज भुगतान पर 1.5 लाख रुपये की छूट एक साल के लिये बढ़ायी गयी। 
  • डिजिटल तरीके से अपना ज्यादातर काम करने वाली कंपनियों के लिये कर ऑडिट छूट की सीमा दोगुना कर 10 करोड़ रुपये किया गया।
  •  सीमा शुल्क में पुरानी चार सौ छूटों की समीक्षा का प्रस्ताव, अक्टूबर 2021 से इसपर गहन विचार किया जाएगा।
  • वाहनों के कुछ कल-पुर्जों, सौर उपकरणों पर सीमा शुल्क बढ़ाया गया।

 

छह मुख्य केंद्र

  • बजट में किये गये प्रस्ताव छह मुख्य केंद्रों पर आधारित हैं।
  • स्वास्थ्य और सुख-सुविधाएं, भौतिक और वित्तीय पूंजी तथा बुनियादी ढांचा, आकांक्षी भारत के लिये समावेशी विकास, मानव पूंजी, नवप्रवर्तन आर अनुसंधान एवं विकास, न्यूनतम शासन कारगर शासन। 
  • सरकार 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी के साथ विकास वित्त संस्थान गठित करेगी।
  • स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति के तहत पुराने वाहनों को हटाया जाएगा। व्यक्तिगत उपयोग वाले वाहनों के लिये 20 साल बाद फिटनेस जांच का प्रस्ताव।.संभावित पुरानी ढांचागत संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाने के लिये राष्ट्रीय मौद्रीकरण कार्यक्रम। 
  • डिजिटल तरीके से पहली जनगणना के लिये 3,726 करोड़ रुपये का प्रावधान।


रेलवे के लिए  घोषणा

  •  रेलवे के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड राशि की घोषणा की, जिसमें से 1.07 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए हैं। 
  •  रेलवे मालगाड़ियों के अलग गलियारों के चालू होने के बाद उनका मौद्रिकरण करेगी।
  • ईडीएफसी पर 263 किलोमीटर के सोननगर-गोमो खंड को इस साल सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) में लिया जाएगा। 
  • साथ ही 274.3 किलोमीटर के गोमो-दनकुनी खंड को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
  •  रेलवे भविष्य की मालभाड़ा गलियारा परियोजनाओं - खड़गपुर से विजयवाड़ा के लिए पूर्वी तट गलियारा, भुसावल से खड़गपुर के लिए पूर्व-पश्चिम गलियारा और इटारसी से विजयवाड़ा तक उत्तर-दक्षिण गलियारा पर काम आगे बढ़ाएगी। 
  • रेलवे यात्रियों के बेहतर यात्रा अनुभव के लिए बेहतर ढंग से डिजाइन किए गए विस्टाडोम एलएचबी कोच लगाएगा।

vasudha

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