बजट 2019: जेटली बोले- इनकम टैक्स स्लैब में छूठ से होगा मध्यम वर्ग को फायदा
Friday, Feb 01, 2019 - 07:39 PM (IST)
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि बजट में पांच लाख रुपये तक की आय पर आयकर माफ करने के सरकार के निर्णय से देश के मध्यम वर्ग को फायदा होगा। जेटली ने फेसुबक पर एक पोस्ट में लिखा कि वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा अंतरिम बजट में की गयी इस महत्वपूर्ण घोषणा से मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति बढ़ेगी। जेटली अभी इलाज के लिये अमेरिका गये हुए हैं। उनकी जगह अभी गोयल वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे हैं। जेटली की अनुपस्थिति में गोयल ने ही लोकसभा में शुक्रवार को 2019-20 का अंतरिम बजट पेश किया।
बजट तय करेगा आगे की दिशा
जेटली ने कहा, ‘‘पीयूष गोयल ने आज एक महत्वपूर्ण घोषणा की जिसमें पांच लाख रुपये तक कमाने वालों को आयकर से छूट दे दी गयी। इससे देश के मध्यम वर्ग को उल्लेखनीय लाभ होगा जिनकी क्रय शक्ति देश के भविष्य के लिये मायने रखता है।’’ उन्होंने कहा कि इस बजट ने उस नीतिगत दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ तैयार किया है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश को दिया है। उन्होंने कहा कि चुनावी साल में पेश अंतरिम बजट में एक सीमित अवधि के लिये लेखानुदान को मंजूरी मिली है और चुनाव के बाद सरकार अर्थव्यवस्था की आगे की दिशा तय करेगी।
रोजगार को लेकर जेटली ने क्या कहा
जेटली ने कहा, ‘‘हमारे पास 2009 और 2014 के उदाहरण हैं जब अंतरिम बजट में कराधान में महत्वपूर्ण बदलाव किये गये।’’ उन्होंने रोजगार सृजन पर जारी विवाद को लेकर आश्चर्य जाहिर करते हुए कहा कि बिना रोजगार सृजन के देश की अर्थव्यवस्था पिछले पांच साल से 7.5 प्रतिशत की औसत दर से कैसे वृद्धि कर रही है।
जीडीपी को लेकर क्या बोले जेटली
जेटली ने कहा, ‘‘पिछले पांच साल में जीडीपी की 7.5 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर देखी गयी है। क्या यह संभव है कि नियंत्रित मुद्रास्फीति के साथ उच्च वृद्धि दर के बाद भी रोजगार सृजन नहीं हुआ हो।’’ उन्होंने ईपीएफओ संख्या समेत विभिन्न आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि इनसे रोजगार सृजन के संकेत मिलते हैं। उन्होंने कहा कि यदि वास्तव में रोजगार सृजन नहीं हुआ होता तो देश में भारी सामाजिक उथल-पुथल देखने को मिलता। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले पांच साल बिना किसी बड़े विरोध प्रदर्शन और आंदोलन के गुजरे हैं।’’
अगले दशक तक देश की अर्थव्यवस्था पांच हजार करोड़
जेटली ने देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के बारे में कहा, ‘‘अगले दशक के मध्य तक हम यह लक्ष्य पा लेंगे तथा उसके बाद अर्थव्यवस्था को दो गुना बनाने का लक्ष्य तय किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि जीडीपी वृद्धि पर नोटबंदी के तत्काल असर का कोई वैश्विक स्थापित मॉडल नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री का जीडीपी वृद्धि में नोटबंदी से दो प्रतिशत की गिरावट वाले बयान ने इस सरकार के आलोचकों का ध्यान आर्किषत किया। हालांकि न तो 2016-17 और 2017-18 के वास्तविक आंकड़े और न ही संशोधित आंकड़े से यह साबित होता है।’’
जेटली ने यह भी दावा किया कि 2014 से 2019 का समय देश की वृहद आर्थिक स्थिरता के लिये सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाला समय रहा है। इससे पहले जेटली ने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए कहा, ‘‘यह बजट बिना किसी शक के वृद्धि के अनुकूल, राजकोषीय नियंत्रण को बढ़ावा देने वाला, किसान हितैषी, गरीब हितैषी और भारतीय मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति को बढ़ाने वाला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2014 से 2019 के बीच सारे बजट मध्यम वर्ग को राहत देने वाला रहा है।’’ जेटली ने कहा कि यह बजट खर्च को बढ़ावा देने के साथ ही राजकोषीय स्थिति को नियंत्रण में रखने वाला है। उन्होंने कहा कि यह अंतरिम बजट सरकार के समक्ष पिछले पांच साल के कामकाज की समीक्षा करने और अपने प्रदर्शन को लोगों के सामने रखने का अवसर भी रहा।
The Budget is unquestionably Pro-Growth, Fiscally prudent, Pro-Farmer, Pro-Poor and strengthens the purchasing power of the Indian Middle Class.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) February 1, 2019