बी.टी. कॉटन हाइब्रिड बीजों पर 33 प्रतिशत सब्सिडी देगी
punjabkesari.in Saturday, Apr 19, 2025 - 09:40 PM (IST)

चंडीगढ़, 19 अप्रैलः(अर्चना सेठी) पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने आज घोषणा की कि राज्य में फसली विविधता को बढ़ावा देने और ’सफेद सोना’ अर्थात कपास की खेती के लिए रकबे को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पंजाब सरकार ने पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी (पी.ए.यू.), लुधियाना द्वारा सिफारिश किए गए बी.टी. कॉटन हाइब्रिड बीजों पर 33 प्रतिशत सब्सिडी देने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि इस सब्सिडी कार्यक्रम के लिए 20 करोड़ रुपये अलॉट किए गए हैं और इस सब्सिडी कार्यक्रम का पूरा खर्च पंजाब सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इससे कपास की कृषि करने वाले किसानों पर वित्तीय बोझ को कम करने के साथ-साथ किसानों को कपास के गैर-सिफारिश किए गए हाइब्रिड बीजों की खेती न करके अच्छी पैदावार वाले कीट-रोधक बी.टी. कॉटन हाइब्रिड बीजों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि कृषि विभाग ने इस साल कपास की फसल के तहत कम से कम 1.25 लाख हेक्टेयर रकबा तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि कपास की फसल राज्य के दक्षिण-पश्चिमी जिलों में बीजी जाने वाली खरीफ की महत्वपूर्ण फसल है, जो पानी की ज्यादा खपत वाली धान की फसल का एक व्यवहारिक विकल्प पेश करते हुये कृषि विविधता और आर्थिक विकास में उचित योगदान देती है।
राज्य के किसानों को इस कदम का अधिकतम लाभ उठाने और सिफारिश किए गए बी.टी. कॉटन हाइब्रिड बीजों को अपनाने की अपील करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार किसानों की सहायता करने और टिकाऊ कृषि अभ्यासों को प्रोत्साहित करने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह सब्सिडी कार्यक्रम हमारे कपास उद्योग की खुशहाली को सुनिश्चित करने के साथ-साथ फसली विविधता को अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कृषि विभाग के प्रबंधकीय सचिव डॉ. बसंत गर्ग ने बताया कि यह सब्सिडी कार्यक्रम प्रत्येक किसान को अधिकतम पांच एकड़ के लिए या दस पैकेट (प्रत्येक पैकेट 475 ग्राम) कपास के बीज प्रदान करने तक सीमित है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे बी.टी. कॉटन बीजों की खरीद संबंधित उचित बिल अवश्य लें। इसके साथ ही उन्होंने विभाग के अधिकारियों को पड़ोसी राज्यों से नकली बीजों की आमद को रोकने के लिए नियमित निगरानी और निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि इन निर्देशों को लागू करने में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।