‘ब्रांड मोदी'' ने गुजरात में भाजपा को रिकॉर्ड जीत की राह पर पहुंचाया, 127 सीटों पर की जीत हासिल

Friday, Dec 09, 2022 - 02:06 AM (IST)

नेशनल डेस्क : गुजराती चेतना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्थायी प्रभाव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को राज्य विधानसभा चुनावों में किसी भी पार्टी के लिए संभवतः सबसे बड़ी जीत हासिल करने की राह पर ला दिया है। इसके साथ ही उन्होंने महंगाई और स्थानीय नेतृत्व जैसे मुद्दों पर लोगों के कथित असंतोष को भी कम करने में सफलता हासिल की है। राज्य भर में अपने प्रचार अभियान के दौरान मोदी ने 31 जनसभाओं को संबोधित किया और तीन रोड शो का नेतृत्व किया।

अपने गृह राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का उन्होंने दौरा किया तथा मतदाताओं से आग्रह किया कि वे ‘‘इस बार नरेन्द्र- भूपेंद्र की जोड़ी'' की रिकार्ड जीत में अपना योगदान दें। उनके यह कहने का आशय जनता को इस बात के लिए प्रोत्साहित करना था कि वे मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली सरकार को, उनके नेतृत्व वाली 13 वर्षों तक की सरकार के दौरान मिली सीट की तुलना में अधिक सीट से जिताएं। अब तक के चुनाव परिणाम और रूझानों से यह स्पष्ट है कि मतदाताओं ने उनकी बात सुनी है। भाजपा ने 2002 में सर्वाधिक 127 सीट पर जीत हासिल की थी। उस वक्त मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे।

इसके बाद भाजपा कभी उस आंकड़े तक नहीं पहुंच सकी थी, लेकिन इस बार भाजपा ने ना सिर्फ अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पार किया, उसने 1985 में माधवसिंह सोलंकी के नेतृत्व में कांग्रेस द्वारा जीती गई 149 सीट के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक हुई मतगणना में भाजपा ने दो तिहाई बहुमत हासिल करते हुए 156 सीट पर जीत दर्ज की है। उसे 53 प्रतिशत के करीब मत मिले हैं। यह पार्टी के लिए ऐतिहासिक है। गुजरात में जीत के साथ ही भाजपा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के अलावा एकमात्र ऐसी पार्टी बन गई है, जिसने लगातार सात विधानसभा चुनाव जीते हैं। 1977 से 2011 तक 34 साल तक पश्चिम बंगाल पर शासन करने वाली माकपा ने भी लगातार सात चुनाव जीते थे।

इस पश्चिमी राज्य का दौरा करने वालों को यह स्पष्ट था कि मतदाताओं को 1998 से राज्य में सत्ता में रही भाजपा के साथ उसके स्थानीय नेतृत्व और इसके प्रशासन से जुड़े पहलुओं के बारे में कुछ मुद्दे हो सकते हैं, लेकिन अधिकांश के लिए यह मायने नहीं रखता था, क्योंकि उनके लिए पार्टी के बड़े शासन ढांचे, वैचारिक जोर और उनसे भी अधिक मोदी के प्रति उनका विश्वास मायने रखता है। भाजपा और उसके नेताओं पर चार पुस्तकें लिख चुके शिवानंद द्विवेदी ने कहा, '‘प्रधानमंत्री मोदी एक दुर्लभ नेता के रूप में उभरे हैं, जिनकी लोकप्रियता पर सत्ता विरोधी लहर या सत्ता में लंबे समय तक रहने जैसे कारकों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। वास्तव में, उनकी लोकप्रियता समय के साथ बढ़ी है।'' उन्होंने कहा, ‘‘वह 'जन-जन के नेता' थे और अब 'जन-मन के नेता' हैं।''

भाजपा से जुड़े थिंक टैंक श्यामा प्रसाद मुखर्जी शोध संस्थान के द्विवेदी ने कहा कि लोगों को भाजपा, उसके विधायकों और उसकी सरकारों से समस्या हो सकती है, लेकिन मोदी में उनका भरोसा बाकी सब चीजों पर हावी हो जाता है। मोदी के प्रचार अभियान का खाका तैयार करने में राज्य के सभी चार क्षेत्रों पर व्यापक जोर था, लेकिन जनजातीय बहुल क्षेत्रों और सौराष्ट्र के कुछ हिस्सों पर उनका विशेष ध्यान था। साल 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में इन क्षेत्रों में भाजपा को पाटीदार आंदोलन सहित विभिन्न मुद्दों के चलते सीट की संख्या में गिरावट का सामना करना पड़ा था।

उनके रोड शो सूरत, अहमदाबाद और गांधीनगर जैसे शहरों के अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों से होकर गुजरे। भाजपा ने 156 सीट जीतकर बड़ी जीत दर्ज की है, वहीं विपक्षी कांग्रेस 17 सीट पर सिमट गई है। यह राज्य में उसका अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात में पार्टी के ऐतिहासिक प्रदर्शन का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता और उनकी साख को दिया। सिंह ने कहा कि गुजरात में भाजपा की ‘ऐतिहासिक विजय' विकास, सुशासन और जन कल्याण के लिए पार्टी की प्रतिबद्धता की जीत है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस जीत का सबसे बड़ा श्रेय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जनता का भरोसा, उनकी लोकप्रियता और साख को जाता है। उन्हें बधाई और जनता का आभार।'' गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भाजपा की जीत का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को दिया और कहा कि राज्य की जनता ने चुनाव में राष्ट्र-विरोधी तत्वों को नकार दिया। पटेल ने गांधीनगर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “गुजरात के लोगों ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेतृत्व पर विश्वास जताया है। अगर गुजरात की जनता ने भाजपा को चुना है, तो हमें भी उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना होगा।” उन्होंने कहा, “गुजरात के लोगों ने इस चुनाव में राष्ट्र-विरोधी तत्वों को खारिज कर दिया और उसने राज्य में भाजपा के विकास के पिछले रिकॉर्ड को वोट दिया है।”

Parveen Kumar

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