Murali Naik: 22 की उम्र, आखिरी सांस तक लड़ा अग्निवीर जवान, अब सरकार शहादत पर देगी 1.65 करोड़

punjabkesari.in Sunday, May 11, 2025 - 02:38 PM (IST)

 नेशनल डेस्क: सरहद पर जब गोलियां चलीं, तब अग्निवीर मुरली नाइक ने पीछे मुड़कर देखने का नाम नहीं लिया। जम्मू-कश्मीर के एलओसी पर आतंकियों से लोहा लेते हुए उन्होंने अपनी जान की बाज़ी लगा दी और वीरगति को प्राप्त हुए। महज़ 22 साल के इस नौजवान ने साबित कर दिया कि देशभक्ति उम्र नहीं, जज़्बा देखती है। जब उनका पार्थिव शरीर आंध्र प्रदेश के अनंतपुर ज़िले के कल्लिथंडा गांव पहुंचा, तो गांव की गलियों में सन्नाटा और आंखों में आंसू थे।

बचपन से था सेना में जाने का सपना

मुरली नाइक का जन्म 8 अप्रैल 2002 को हुआ था। उन्होंने छोटी उम्र से ही सेना में जाने और देश के लिए कुछ बड़ा करने का सपना देखा। दिसंबर 2022 में, वह अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना में भर्ती हुए। नासिक में छह महीने की कठिन ट्रेनिंग के बाद उन्होंने असम में सेवा दी और फिर पंजाब में उनकी तैनाती हुई। सेवा के इस छोटे से सफर में उन्होंने जो बलिदान दिया, वह अमर हो गया।



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शोक में डूबा गांव, कंधों पर उठा गर्व

जब उनका शव गांव पहुंचा, तो हर गली, हर चेहरा उनके नाम का जयघोष करता दिखा। अंतिम विदाई में न केवल ग्रामीण, बल्कि राज्य के मंत्री, सांसद और अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे। शिक्षा व आईटी मंत्री नारा लोकेश ने खुद पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की और मुरली के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने कहा, “राज्य मुरली नाइक की बहादुरी को सलाम करता है – उनकी वीरता को कभी भुलाया नहीं जा सकता।”

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‘शहीद’ का दर्जा नहीं, पर सम्मान बराबर

अग्निवीर मुरली नाइक की शहादत ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया है—क्या अग्निवीरों को भी ‘शहीद’ का दर्जा मिलेगा? सरकार की वर्तमान नीति के अनुसार, अग्निवीरों को तकनीकी रूप से शहीद घोषित नहीं किया जाता, क्योंकि यह शब्द सरकारी दस्तावेजों में परिभाषित नहीं है। फिर भी, ड्यूटी के दौरान बलिदान देने वाले अग्निवीरों को पूरी सैन्य मर्यादा और मुआवज़ा दिया जाता है, जो एक नियमित सैनिक के बराबर होता है।

परिवार को क्या सहायता मिलेगी?

सरकार द्वारा अग्निपथ योजना के अंतर्गत मुरली नाइक के परिजनों को निम्नलिखित सहायता प्रदान की जाएगी:

  • ₹48 लाख का जीवन बीमा कवर

  • ₹44 लाख की एकमुश्त अनुग्रह राशि

  • ₹10–12 लाख का सेवा निधि फंड (ब्याज समेत)

  • ₹13 लाख के लगभग बचे हुए कार्यकाल का वेतन

इसके साथ ही, परिवार को सामाजिक सुरक्षा और पुनर्वास में मदद भी दी जाएगी।


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Content Writer

Anu Malhotra

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