लॉकडाउन के पहले दो चरणों में बुक कराई गई हवाई यात्रा की टिकट का पूरा पैसा होगा रिफंड
Sunday, Sep 06, 2020 - 09:34 PM (IST)
नई दिल्लीः विमानन क्षेत्र के नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सुप्रीम कोर्ट में प्रस्ताव दिया है कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान घरेलू या अंतरराष्ट्रीय यात्रा के वास्ते बुक की गई टिकटों का पूरा किराया एयरलाइनों द्वारा वापस दिया जायेगा। डीजीसीए ने शीर्ष अदालत में दाखिल एक हलफनामे में कहा कि अन्य सभी मामलों के लिए, एयरलाइंस 15 दिनों के भीतर यात्री को एकत्रित राशि वापस करने के लिए सभी प्रयास करेगी।
Supreme Court was informed by Directorate General of Civil Aviation (DGCA) that tickets booked by passengers in domestic and international carriers for air travel during the first two phases of lockdown between March 25 to May 3, 2020, will be 'fully refunded'. pic.twitter.com/27Pis2Yi1b
— ANI (@ANI) September 6, 2020
डीजीसीए ने कहा, ‘‘यदि टिकट पहली लॉकडाउन अवधि (25 मार्च से 14 अप्रैल 2020) और दूसरी लॉकडाउन अवधि 25 मार्च से तीन मई, 2020 की यात्रा के लिए बुक की गई है तो एयरलाइन्स द्वारा तुरन्त पूरा किराया वापस किया जायेगा।'' डीजीसीए ने कहा कि एयरलाइंस सहित हितधारकों के बीच विभिन्न दौर के विचार-विमर्श के बाद, वे दोनों यात्रियों और कंपनियों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक प्रस्तावित व्यावहारिक समाधान पर पहुंचे हैं।
गत 12 जून को शीर्ष अदालत ने एनजीओ ‘प्रवासी लीगल सेल' की एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान केन्द्र, डीजीसीए और एयरलाइनों को कोविड-19 लॉकडाउन के बाद रद्द की गई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए पूरे किराये का भुगतान करने के तौर-तरीकों पर चर्चा करने को कहा था।
विमानन नियामक ने अपने हलफनामे में कहा है कि अगर एयरलाइंस वित्तीय संकट के कारण राशि वापस नहीं कर पाती हैं, तो वे एकत्र किए गए किराये के बराबर ‘क्रेडिट शेल' प्रदान करेंगे और यह प्रत्यक्ष या ऑनलाइन समेत एजेंट के माध्यम से टिकट बुक कराने वाले यात्री के नाम पर जारी किया जाएगा। नियामक ने यह भी प्रस्तावित किया कि क्रेडिट शेल किसी व्यक्ति को हस्तांतरित किया जाएगा। शीर्ष अदालत ने 12 जून को केन्द्र से इस मुद्दे पर अपना रूख रखने और किराये की पूरी राशि वापस करने के तौर तरीकों पर चर्चा करने को कहा था।