पत्नी को 'सेकंड हैंड' कहने पर पति को देने होगा ₹3 करोड़ का मुआवजा, हाई कोर्ट ने दिया आदेश

Wednesday, Mar 27, 2024 - 11:18 AM (IST)

नेशनल डेस्क: बॉम्बे हाई कोर्ट ने अमेरिका में रहने वाले एक व्यक्ति द्वारा दायर तलाक की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि घरेलू हिंसा उस महिला के आत्मसम्मान को प्रभावित करती है, जिसे उसके हनीमून पर "सेकंड हैंड वाइफ" कहा जाता है, जो अपने पति द्वारा शारीरिक शोषण का शिकार हुई थी। इसके अतिरिक्त, उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें पति को अलग हो रही पत्नी को मुआवजे के रूप में ₹3 करोड़ का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था।

दरअसल, पति-पत्नी दोनों अमेरिका के नागरिक हैं। उनकी शादी 3 जनवरी 1994 को मुंबई में हुई।  हनीमून के लिए वह दोनों नेपाल गए थे। इस दौरान उसके पति ने उसे ‘सेकंड हैंड’ बोला था। दरअसल, पीड़िता की पिछली सगाई टूट गई थी। पीड़िता ने बताया बाद में दोनों पति-पत्नी अमेरिका चले गए और अमेरिका में भी उन्होंने शादी समारोह आयोजित किया था। कुछ दिनों बाद आरोपी पति पीड़िता के साथ मारपीट करने लगा और उसके चरित्र पर शंका करने लगा जिसके बाद  दोनों पति-पत्नी 2005 में वापस मुंबई लौट आए और संयुक्त स्वामित्व वाले मकान में रहने लगे। साल 2008 में पत्नी अपने मायके अपनी मां के पास चली गई। इधर, साल 2014 में पति वापस फिर से अमेरिका लौट गया।
 
पीड़िता ने परेशान होकर साल 2017 में इसकी शिकायत मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत की।  कोर्ट ने माना कि पीड़िता घरेलू हिंसा का शिकार शिकार हुई है।  जनवरी 2023 में कोर्ट ने आरोपी पति को मुआवजे के रूप में तीन करोड़ रूपये, दादर में मकान खोजने वहीं, वैकल्पिक तौर पर घर के लिए 75 हजार रुपये और हर महीने 1.5 लाख रुपये गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया था।

वहीं, अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा है जिमसें पीड़ित पत्नी को तीन करोड़ मुआवजा और डेढ़ लाख रुपये गुजारा भत्ता दिए जाने के निर्देश दिए थे।  
 
 

Anu Malhotra

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