ब्लू व्हेल गेम को प्रतिबंधित करने के लिए संभावनाएं तलाशें: उच्च न्यायालय

Monday, Sep 04, 2017 - 04:10 PM (IST)

मदुरै: ब्लू व्हेल चैलेंज गेम के गंभीर परिणामों को देखते हुए मद्रास उच्च न्यायालय ने आज केंद्र और तमिलनाडु सरकार को इसको प्रतिबंधित करने की संभावनाओं का पता लगाने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू करते हुए, मदुरै पीठ के न्यायाधीश के.के.शशिधरन और जी.आर.स्वामीनाथन ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण सचिव और गृह राज्य सचिव एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को नोटिस जारी किया है और कई सुझाव भी दिए हैं। 

पीठ ने इनसे गेम को प्रतिबंधित करने के लिए संभावनाओं का पता लगाने को कहा है और निर्देश दिया है कि इस मामले में आईआईटी-मद्रास के निदेशक को पक्षकार बनाया जाए जो इस तरह के ऑनलाइन खेलों को प्रतिबंधित करने के लिए सुझाव देंगे।   मामले की सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार ने न्यायालय को बताया कि जिस छात्र ने यहां आत्महत्या की थी उसने इस गेम को 75 अन्य लोगों के साथ साझा किया है। सरकारी वकील ने कहा कि उन सभी को यह खेल खेलने से हालांकि रोक लिया गया है।  

न्यायाधीशों ने राज्य के पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव से कहा है कि वह इस ’खतरनाक’ ऑनलाइन खेल को अन्य के साथ साझा करने वाले लोगों के खिलाफ गंभीर चेतावनी जारी करें।   एक सितंबर को, एक वकील कृष्णामूर्ति द्वारा केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय को ऐसे गेम को प्रतिबंधित करने के लिए निर्देश देने की अपील की गई थी जिसपर न्यायालय ने कहा था कि वह इस मामले का स्वत: संज्ञान लेगा।  इस वकील ने यह याचिका तब दायर की थी जब 30 अगस्त को 19 वर्षीय विग्नेश ने कथित तौर पर यह गेम खेलने के बाद आत्महत्या कर ली थी।  

बताया जा रहा था कि विग्नेश ने अपने दोस्तों को बताया था कि वह इस गेम के लिए ‘पागल’ हो रहा है और उसने अपने परिजनों को भी बताया था कि इसकी लत के कारण वह अकेला होता जा रहा है।  बाद में उसके पास से मिले सुसाइड नोट में उसने कहा था, च्च्यह गेम बहुत ही हानिकारक है...एक बार अगर आप इसमें प्रवेश कर गए तो आप इससे बाहर नहीं निकल सकते।’’  पीठ ने यह भी कहा है कि इस गेम को शेयरिंग के जरिए फैलने से रोकने के लिए निगरानी को और ज्यादा कड़ा करना होगा।  इस गेम के कारण विश्वभर में अबतक बहुत सी जानें जा चुकी हैं। 

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