राज्यसभा की कार्यवाही से हटाया गया ''खून की खेती'' वाला बयान, कृषि मंत्री ने कांग्रेस पर कसा था तंज

Friday, Feb 05, 2021 - 08:16 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के ‘खून की खेती’ बयान को राज्यसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया है। दरअसल, नरेंद्र तोमर ने शुक्रवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद संबोधन में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि कांग्रेस ही खून की खेती कर सकती है, भारतीय जनता पार्टी पानी से खेती करती है। तोमर के इस बयान को लेकर विपक्षी नेताओं ने सभापति के सामने विरोध दर्ज कराया, जिसके बाद इसे कार्यवाही से हटा दिया गया है।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से लाए गए तीनों कृषि कानूनों को विपक्षी दल ‘‘काला कानून'' बता रहे हैं लेकिन अभी तक किसी ने यह नहीं बताया कि आखिर इन कानूनों में ‘‘काला'' क्या है ? राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हो रही चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि किसान संगठनों और विपक्षी दलों द्वारा लगातार इन कानूनों को ‘‘काले कानून'' की संज्ञा दी जा रही है किंतु अभी तक किसी ने यह नहीं बताया कि आखिर इन कानूनों में ‘‘काला'' क्या है।

तोमर ने कहा कि तीन कृषि सुधार कानून इस समय एक ज्वलंत मुद्दा है और और इसे लेकर विपक्षी सदस्यों ने सरकार को कोसने में कोई कंजूसी नहीं की और इन कानूनों को ‘‘काला कानून'' बताया। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि किसान यूनियनों से भी दो महीने तक मैं यही पूछता रहा कि कानून में काला क्या है ? एक (भी) मुझे बताओ तो ? मैं उसको ठीक करने की कोशिश करूंगा, लेकिन मुझे वहां भी मालूम नहीं पड़ा।''

गौरतलब है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग करते हुए किसान दिल्ली की सीमाओं पर करीब ढाई महीने से आंदोलन कर रहे हैं। उनका कहना है कि इन कानूनों से मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कारपोरेट घरानों की दया पर निर्भर हो जाएंगे। वहीं दूसरी ओर सरकार का तर्क है कि किसानों के हित में लाए गए इन कानूनों से किसानों की आमदनी बढ़ेगी। 

 

Yaspal

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