कश्मीरियों की याद में आज मनाया जा रहा 'काला दिवस' 73 साल पहले पाक ने घाटी पर बोला ​था हमला

Thursday, Oct 22, 2020 - 12:49 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  जम्मू कश्मीर में पहली बार ‘‘22 अक्टूबर 1947 की स्मृति'' के विरोध में काला दिवस मनाया जा रहा है। इसी दिन पाकिस्तान समर्थित कबायलियों ने कश्मीर पर आक्रमण किया था और हमले को नाकाम करने के लिए भारतीय सैनिकों को हवाई मार्ग से घाटी पहुंचाया गया था जिसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरु हुआ था। पाकिस्तान की इस कार्रवाई के खिलाफ पहली बार दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई है। 

 

महिलाओं और बच्चों पर हुआ था अत्याचार 
22 अक्टूबर, 1947 को, पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला किया था जिस दौरान बड़े पैमाने पर लूट और बर्बरता हुई थी। हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को निर्दयता से मार डाला गया था। 26 अक्टूबर, 1947 को तत्कालीन डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह ने भारत के साथ विलय के समझौते पर हस्ताक्षर किये थे जिसके बाद भारतीय सैनिकों को कबायली आक्रमणकारियों को पीछे धकेलने के लिए श्रीनगर पहुंचाया गया था।

 

ऐतिहासिक कार्यक्रम में कई गणमान्य होंगे शामिल 
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, इस तरह की पहल का उद्देश्य इतिहास के इस चरण के बारे में लोगों में जागरूकता लाना है। बीते 73 सालों में पहली बार 1947 में पाकिस्तानी कश्मीरियों के साथ की गई बर्बरता की कहानी पूरी दुनिया सुनेगी। केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, शिक्षाविद, सेना एवं वायुसेना के पूर्व अधिकारी और रक्षा विशेषज्ञों सहित कई गणमान्य आज  इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में अपने विचार साझा करेंगे। 

 

अपना जीवन न्योछावर करने वालों को मिलेगी सच्ची श्रद्धांजलि
अधिकारी ने कहा कि इस कार्यक्रम से यह स्मरण करने में मदद मिलेगी कि स्वतंत्रता प्राप्ति के तुरंत बाद देश ने पहली लड़ाई कैसे लड़ी थी। उन्होंने कहा कि आक्रमणकारियों की हिंसा और अत्याचार को याद करना और इस चुनौती पर काबू पाने में दिखाई गई वीरता उन लोगों के लिए एक श्रद्धांजलि होगी जिन्होंने स्वतंत्र भारत की पहली लड़ाई में अपना जीवन न्योछावर किया था।
 

vasudha

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