भाजपा ने ‘400 पार'' का नारा दिया ताकि लोग नहीं पूछें कि पेट्रोल क्यों है ''100 पार'': कन्हैया कुमार

Sunday, Apr 07, 2024 - 03:42 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘400 पार' के नारे को ‘परसेप्शन मैनेजमेंट' (धारणा बनाने की कवायद) और वास्तविकता बदलने का कुत्सित प्रयास करार देते हुए कहा है कि भाजपा को हार का डर है और ऐसे में वह देश को धोखा देने की कोशिश कर रही है। कुमार ने एक बातचीत में यह सवाल भी किया कि जो नेता कांग्रेस में रहकर चुनाव नहीं जीत सकते, उनकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के लिए भला क्या उपयोगिता है? उन्होंने साथ ही कहा कि पहले सत्ता में रहे दलों की कहीं न कहीं यह ‘‘विफलता'' रही कि लोग ‘भाजपा के अतिवाद' की तरफ आकर्षित हो गए, लेकिन यह स्थिति कभी भी बदल सकती है क्योंकि भारत का समाज प्रेम, समानता, सह-अस्तित्व और सहिष्णुता के साथ खड़ा होता है।

यह पूछे जाने पर कि भाजपा ‘400 पार' का नारा दे रही है, तो ऐसे में क्या यह नहीं लगता कि विमर्श की लड़ाई में विपक्ष कहीं पीछे छूट रहा है, उन्होंने कहा, ‘‘इस बात में ही भाजपा की हताशा झलकती है, हार का डर झलकता है। क्या आपने सुना है कि भारतीय क्रिकेट टीम आस्ट्रेलिया से मैच खेलने गई हो और मैच से पहले कह रही हो, 400 पार। नहीं कहती है। कहती है कि अच्छा खेलेंगे और विश्व कप जीतेंगे।'' कुमार ने दावा किया कि ‘परसेप्शन मैनेजमेंट' से वास्तविकता को बदलने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘धारणा के आधार पर वास्तविकता को बदलने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। अगर 400 पार हो ही रहा है तो ‘फूंके हुए कारतूसों' को अलग-अलग जगह से अपनी पार्टी में शामिल कराने का क्या मतलब है? मान लीजिए आप मैच जीत रहे हैं तो ऑस्ट्रेलिया के कप्तान को घूस देने का क्या मतलब है या उसके संन्यास ले चुके खिलाड़ियों को अपने साथ लेने की क्या जरूरत है?''

कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि अगर कोई कांग्रेस में रहकर चुनाव नहीं जीत रहा है तो भाजपा में उसकी क्या उपयोगिता है? उन्होंने कांग्रेस के कई नेताओं के पाला बदलने का हवाला देते हुए कहा, ‘‘आप जिन लोगों को बुरा-भला कहते थे अब उनकी तारीफ कर रहे हैं। कई ऐसे लोग थे जिन्हें राष्ट्रविरोधी शब्द से संबोधित किया जाता था, लेकिन अब वे भाजपा में हैं। ऐसा लगता है कि भाजपा को बेशर्मी की खदान हाथ लग गई है जब मौका मिलता है थोड़ी बेशर्मी निकाल लाती है। जो टीवी स्टूडियो में मुर्गे की तरह लड़ रहे थे, एक अब एक तरफ जाकर बैठे हैं।'' उन्होंने दावा किया, ‘‘क्या यह 400 पार का आत्मविश्वास है? यह धोखा है। यह देश को धोखा देने का कुत्सित प्रयास है। यह कहा जा रहा है ताकि 400 की संख्या में हजारों सवालों को गायब कर दिया जाए।

कोई पूछे नहीं है कि पेट्रोल 100 के पार क्यों चला गया, इतनी महंगाई क्यों है? कुमार ने कहा, ‘‘कहते हैं कि अर्थव्यवस्था पांच हजार अरब डॉलर के पार जा रही है। अगर ऐसा है तो 80 करोड़ लोग कौन हैं जिन्हें मुफ्त का अनाज दिया जा रहा है और सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है।'' उन्होंने कहा, ‘‘वास्तविकता छिपाने का बार-बार प्रयास किया जा रहा है। यह देश के उन लोगों का अपमान है जिन्हें मत देना है। अगर पहले से तय है कि सीट 400 पार होनी ही हैं तो चुनाव क्यों करा रहे हैं?'' कुमार ने कहा, ‘‘यह ‘परसेप्शन' (धारणा बनाने) का खेल है। कांग्रेस इसे समझ रही है। इसी तरह (अटल बिहारी) वाजपेयी जी के समय में ‘इंडिया शाइनिंग' की धारणा पैदा की गई थी, लेकिन चुनावी नतीजे आए तो पता चला कि राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की सरकार चली गई और संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) की सरकार बनी।''

 

rajesh kumar

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