MP में BJP को झटका: 2 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर कांग्रेस का दिया साथ

Wednesday, Jul 24, 2019 - 09:14 PM (IST)

भोपाल: भाजपा को बुधवार को उस वक्त करारा झटका लगा जब मध्य प्रदेश विधानसभा में एक विधेयक पर मत विभाजन के दौरान उसके दो विधायकों नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने अपना समर्थन मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार को दे दिया। ये दोनों विधायक पूर्व में कांग्रेसी नेता रहे हैं और पिछले साल मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा के इन दोनों विधायकों ने कहा कि यह उनकी ‘घर वापसी' है। 

बुधवार शाम विधानसभा में दंड विधि (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक 2019 पर मत विभाजन के दौरान कुल 122 विधायकों ने सत्तारूढ़ कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया। प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं। इसमें सत्तारुढ़ कांग्रेस के पास अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति सहित 121 विधायकों का समर्थन है। अध्यक्ष ने आज इस प्रक्रिया में वोट नहीं दिया। कांग्रेस और सहयोगी दलों के 120 विधायकों ने मतदान में भाग लिया। इनके अलावा, भाजपा के दो विधायकों नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने भी विधेयक का समर्थन किया। इस प्रकार विधेयक के समर्थन में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस ने 122 विधायकों का समर्थन हासिल किया। 


गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा में सत्तारुढ़ दल को बहुमत के लिए 116 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी (मैहर सीट, जिला सतना) और शरद कोल (ब्यौहारी सीट, जिला शहडोल) ने कहा कि उन्होंने कमलनाथ सरकार को समर्थन दिया है क्योंकि वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों का विकास करना चाहते हैं। पूर्व में कांग्रेस नेता रहे इन दोनों भाजपा विधायकों ने कहा कि यह उनकी घर वापसी है। इसी बीच, भाजपा के वरिष्ठ विधायक एवं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने मीडिया को बताया कि विधेयक पर जब हमारी (भाजपा की) सहमति थी तो कांग्रेस को इस पर मत विभाजन करवाने की आवश्यकता ही नहीं थी।


भाजपा के अभी और विधायक संपर्क में हैं : पी सी शर्मा 
राज्य के जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा ने दावा करते हुए कहा कि अभी और भी भाजपा विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं। शर्मा ने देर शाम विधानसभा में हुए महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रमों के बाद पत्रकार वार्ता में कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ और हमारे कांग्रेस नेता पहले भी कहते थे कि अनेक भाजपा विधायक हमारे संपर्क में हैं, तो कोई भरोसा नहीं करता था। लेकिन आज के घटनाक्रम के कारण साबित हो गया है कि भाजपा के विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि अभी तो सिर्फ दो विधायक ही हमारे पास आए हैं। भाजपा के अनेक विधायक हमारे पास आने के लिए बाउंड्री पर बैठे हैं। 


कांग्रेस नेता ने कहा कर्नाटक के घटनाक्रम के बाद आज विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने विधानसभा में कहा कि नंबर एक और दो से आदेश मिलने पर 24 घंटे में सरकार गिराई जा सकती है। इसलिए आज हमारी सरकार ने संशोधन विधेयक पर मत विभाजन की स्थिति बनने पर बहुमत साबित कर दिया। सरकार के पक्ष में 122 विधायकों ने वोट किया, जबकि अभी तो विधानसभा अध्यक्ष ने वोट ही नहीं किया। शर्मा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व क्षमता की तारीफ करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में कांग्रेस सरकार पूरे पांच साल तक चलेगी। अब तो विपक्षी दल भाजपा को समझ जाना चाहिए। 


सदन में बुधवार को दंड विधि (मध्यप्रदेश संशोधन) विधेयक पर चर्चा के बाद पारित कराने के लिए बहुजन समाज पार्टी के एक विधायक ने मत विभाजन की मांग कर दी। भाजपा सदस्यों के विरोध के बावजूद मतदान हुआ, जिसमें कांग्रेस के पक्ष में 122 मत पड़े। इसमें कांग्रेस के 113, बसपा के दो, सपा का एक, चार निर्दलीय और दो भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल शामिल हैं। भाजपा के शेष विधायकों ने मतदान से स्वयं को दूर रखा। 

shukdev

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