BJP ने मोदी, हमने काम पर लड़ा चुनाव: सिसौदिया

Saturday, May 18, 2019 - 09:43 AM (IST)

इलैक्शन डैस्क: भाजपा ने मुद्दों को दरकिनार कर मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा लेकिन आम आदमी पार्टी ने अपने काम और उसके प्रदर्शन के आधार पर चुनाव लड़ा है। चुनावों से ठीक पहले पुलवामा आतंकी हमला हुआ और मोदी सरकार ने बालाकोट एयर स्ट्राइक करवाकर 300 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। दावा किया गया कि सरकार ने सैनिकों की शहादत का बदला ले लिया है। बाद में भाजपा ने इसी एयर स्ट्राइक को भुनाकर चुनाव में वोट मांगे। इस चुनाव में भाजपा के पास पाकिस्तान के अलावा कोई और मुद्दा था ही नहीं और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान कह रहे हैं कि मोदी फिर से पी.एम. बनने चाहिएं क्योंकि यह पाकिस्तान के लिए अच्छा है। मोदी और पाकिस्तान के बीच वास्तविक संबंध क्या है? यह अपने आप में एक सवालिया निशान है। यह कहना है दिल्ली के डिप्टी सी.एम. मनीष सिसौदिया का।   



दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले तो किसी को भी समर्थन 
उन्होंने कहा कि 23 मई के बाद मोदी-शाह की जोड़ी को हटाने के लिए ‘आप’ भाजपा और मोदी विरोधी किसी भी व्यक्ति का समर्थन करने के लिए तैयार है लेकिन हमारी शर्त होगी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देना। भाजपा को छोड़कर सभी दल इस पर सहमत हैं। देश में माहौल बन रहा है। उन्होंने कहा कि जब एक आम आदमी किसी काम के लिए जाता है तो वह यह नहीं जानता कि उसे किससे संपर्क करना है और कहां जाना है। हम क्लीयर-कट शासन चाहते हैं जो केवल पूर्ण राज्य के साथ संभव है। एक खंडित जनादेश अधिकारियों के लिए अच्छा है लेकिन आम लोगों के लिए बुरा है। जनता को नाम से नहीं काम से मतलब होता है। मोदी ने 2014 में दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाए जाने का वायदा लिखकर दिया था लेकिन पूर्ण नहीं किया। हम इसलिए दिल्ली में पूर्ण राज्य की मांग कर रहे हैं कि एक सरकार जो स्कूल, हैल्थ, बिजली पर काम करना चाहती है उसे मोदी सरकार रोक रही है। दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य इसलिए जरूरी है कि कोई काम रोका न जाए।



आतिशी अगर यहूदी या मुस्लिम होतीं तो भी हम गर्व से बताते
उन्होंने कहा कि पूर्वी दिल्ली से आतिशी मार्लेना को ‘आप’ उम्मीदवार बनाए जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान ने विवादित बयान दिया था कि आतिशी एक यहूदी हैं और कोई मुसलमान यहूदी को वोट नहीं दे सकता। इस पर मैंने ट्विटर पर सफाई में कहा था कि आतिशी से बचकर रहना, वह राजपूत हैं। हम तो चुनाव में आतिशी के शिक्षा के काम को लेकर जनता के बीच गए लेकिन कांग्रेस ने आतिशी को यहूदी बताकर झूठ फैलाया। हमें लगा मुसलमानों को भड़काने की कोशिश हो रही है। आतिशी नाम उतना पॉपुलर नहीं है इसलिए हमें आतिशी की जाति बतानी पड़ी। आतिशी अगर यहूदी या मुस्लिम भी होतीं तो भी हम गर्व से बताते।   

कांग्रेस से गठबंधन होता तो भाजपा से छीन लेते 33 सीटें
उन्होंने कहा कि हम कभी गठबंधन के पक्ष में नहीं थे लेकिन मोदी-शाह को रोकने के लिए कांग्रेस को साथ आने के लिए कहा था। 33 सीटें ऐसी थीं जहां गठबंधन होता तो हम भाजपा से ये सीटें छीन लेते। उसके बदले हम समझौता करने के लिए तैयार थे। चाहे हमें दिल्ली में समझौता करना पड़ता हम उसके लिए भी तैयार थे लेकिन कांग्रेस को लगा कि भाजपा को जीतने देते हैं। अगर खाली दिल्ली में गठबंधन होता तो नुक्सान होता। दिल्ली में कांग्रेस का कोई वजूद नहीं है। अगर गठबंधन 33 सीटों पर होता तो हमें कांग्रेस को जितवाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती। हम गोवा, हरियाणा और पंजाब में मिलकर भाजपा को रोक सकते थे। कांग्रेस केवल दिल्ली-ल्लिी खेलना चाहती थी। हम केवल दिल्ली के समझौते के विपरीत थे इसलिए वार्ता काम नहीं आई। हम कांग्रेस से प्यार नहीं करते हैं लेकिन हम मोदी और अमित शाह से नफरत जरूर करते हैं।

ई.वी.एम. पर ऑटो चैक जरूरी
 मनीष सिसौदिया ने ई.वी.एम. से छेड़छाड़ के मुद्दे पर चुनाव आयोग को घेरा है। उन्होंने कहा कि अगर देश के लोकतंत्र में तोडफ़ोड़ की जा रही है, अगर ई.वी.एम. को ट्रकों और होटलों में देखा जा रहा है तो इसका मतलब है कि कुछ तो गलत हो रहा है इसलिए ऑटो चैक जरूरी है। इसे जांचने के लिए पर्याप्त वी.वी.पैट की गिनती होनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें यह रिपोर्ट भी मिल रही है कि मतदाता जो भी बटन दबाता है वोट भाजपा उम्मीदवार को जाता है।

व्यापारियों के अनुकूल है ई-वे बिल 
उन्होंने कहा कि हमने लोगों के बीच ईमानदार शासन स्थापित किया है। हमने धर्म या जाति के आधार पर वोट नहीं मांगा है। हमने टैक्स नहीं बढ़ाए। हमने जी.एस.टी. पर कर टैक्स में कटौती की है। हमारा ई-वे बिल व्यापारियों के लिए सबसे अधिक अनुकूल है। दिल्ली का बजट दोगुना कर दिया गया है इसलिए विकास कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं है। यही नहीं हमने दिखाया है कि सरकारी स्कूलों में सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संभव है। इससे पहले एक धारणा थी कि केवल 5-10 प्रतिशत छात्र ही ए-ग्रेड शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। यहां तक कि नीति-निर्माताओं ने भी यही महसूस किया।

दिल्ली सबकी है
उन्होंने कहा कि दिल्ली सबकी है। सभी राज्यों के लोग दिल्ली को अपना घर बनाते हैं। यू.पी.-बिहार या दूसरे राज्यों का कोई भी व्यक्ति एक बार रोजगार या अपने काम-धंधे के सिलसिले में दिल्ली में आकर बस जाता है तो वह अपने बच्चों को यहीं के स्कूलों में पढ़ाता है। उसके पास बच्चों को वापस अपने घर भेजने का विकल्प नहीं होता। यह उसकी गलती नहीं है कि वह यहां बस गया। दिल्ली में हर साल दो-अढ़ाई लाख छात्र 12वीं कक्षा की परीक्षा पास करते हैं, लेकिन कॉलेजों में यह संख्या 90,000 तक ही है। हमने सवा लाख छात्रों को ग्रैजुएट बनाने के लिए 13 नए कॉलेज और संस्थान खोले हैं। दूसरे राज्यों के लोग, जिनके बच्चे दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं उन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए-चाहे वह बिहार का रिक्शा चालक हो या तमिलनाडु का सॉफ्टवेयर इंजीनियर। 


मोदी की नीति सिर्फ भारत को सांप्रदायिक बनाना
उन्होंने कहा कि कोई भी आदमी देश के लिए मोदी से बड़ा खतरा नहीं है, राहुल गांधी भी नहीं। कोई भी देश की संस्थाओं को अधिक नुक्सान नहीं पहुंचा सकता है लेकिन मोदी की एक ही नीति है-सीरिया और अफगानिस्तान की तर्ज पर भारत को सांप्रदायिक बनाना, दंगे भड़काना और उनकी राजनीति करना।

लोग मांगते हैं नौकरी, मोदी करते हैं पाकिस्तान की बात 
उन्होंने दावा किया कि ‘आप’ दिल्ली की सभी 7 सीटें जीत रही है। लाखों लोग हैं जिन्हें बिजली-पानी का फायदा मिल रहा है। लाखों लोग हैं जिनके बच्चे अच्छे स्कूलों में पढ़ रहे हैं। यह सिर्फ आम आदमी पार्टी ही कर सकती है। कांग्रेस और भाजपा ने दिल्ली में कोई काम नहीं किया। कांग्रेस को शायद ही 6-7 प्रतिशत वोट शेयर मिलेगा। हमारी लड़ाई भाजपा के साथ है। भाजपा के पास केवल एक मुद्दा है वो है पाकिस्तान। आज लोग नौकरी मांगते हैं तो मोदी पाकिस्तान की बातकरते हैं। लोग अस्पतालों के बारे में पूछते हैं तो मोदी आतंकवाद की बात करते हैं। व्यापारी चाहते हैं कि जी.एस.टी. से राहत मिले तो मोदी उनके साथ ङ्क्षहदू-मुस्लिम की बात करते हैं लेकिन लोग जानते हैं कि असली दुनिया में फर्जी मुद्दे काम नहीं करते।

Anil dev

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