मोदी-शाह को आराम नहीं, अभी सामने हैं ये चुनौतियां

Monday, Dec 18, 2017 - 06:07 PM (IST)

नेशनल डेस्क, आशीष पाण्डेय: सेामवार को गुजरात और हिमाचल ​विधानसभा चुनाव  के नतीजों के बाद भले ही मोदी और शाह की जोड़ी ने राहत की सांस ली हो पर अभी उनकी चुनौतियां कम नहीं हुई है। दोनों ही जगह बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी हो लेकिन गुजरात में बीजेपी के वोटशेयर में भारी कमी भी देखने को मिली है। हालांकि सोमवार को चुनाव नतीजों के बाद अब 19 राज्यों में बीजेपी और उसके गठबंधन की सरकार है। इससे पहले ऐसा कभी नहीं था, जब बीजेपी इतने राज्यों में सत्ता में रही हो। इन नतीजों के बाद बीजेपी की नजर कर्नाटक, मेघालय और मिजोरम जैसे कांग्रेस शासित राज्यों में आने वाले दिनों में होने वाले चुनाव पर होगी। नरेंद्र मोदी व अमित शाह द्वारा इन प्रदेशों में बीते दिनों किए गए दौरे को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।

कर्नाटक, मेघालय और मिजोरम चुनाव
बीजेपी जिस तरह से राज्यों के चुनाव में लगातार सफलता हासिल कर रही है ऐसे में उसके कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ा है। इतना ही नहीं बीजेपी के आलाकमान भी इस जीत से लबरेज ​दिख रहे हैं, अब उसकी निगाह कर्नाटक, मेघालय और मिजोरम जैसे कांग्रेस शासित राज्यों पर टिकी है। इस साल की शुरुआत में यूपी, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में बीजेपी ने भगवा लहराया और इसके बाद साल के अंत में अब गुजरात और हिमाचल में मिले बहुमत से पार्टी का मनोबल निश्चित तौर पर बढ़ेगा। अमित शाह की रणनीति और नरेंद्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व से जिस तरह बीजेपी का विजयी अभियान आगे बढ़ रहा है, उसे देखते हुए इन चुनाव में भी बीजेपी के मजबूत प्रदर्शन से इनकार नहीं किया जा सकता है।

कर्नाटक में शुरू हुई तैयारी
नवंबर में अमित शाह ने कर्नाटक में चुनाव प्रचार की शुरूआत भी कर दी है। जिससे यह तो साफ हो गया है कि बीजेपी ने कर्नाटक चुनाव को अभी से गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। अमित शाह ने बीते दो नवंबर को वहां 75 दिन की 'नव कर्नाटक निर्माण परिवर्तन रैली' की शुरुआत भी कर दी थी।  इसका नेतृत्व प्रदेश पार्टी अध्यक्ष बी.एस. येदुरप्पा कर रहे थे। बता दें कि इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वहां पहुंचे थे और कई प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था।

मेघालय 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते दिनों मेघालय और मिजोरम की यात्रा पर थे। 16 दिसंबर को उन्होंने मेघालय में शिलांग-नोंगस्टोइन-रोंगजेंग-तुरा रोड का उद्घाटन किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि वह हर 15 दिन में उत्तर-पूर्व का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा था कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि कोई यहां सुबह पहुंचे और शाम को वापस लौट जाए। केंद्र सरकार के मंत्री यहां आते रहेंगे और रुककर जनता से मिलते रहेंगे। ऐसे में सीधे तौर पर देखा जा सकता है कि बीजेपी की नजर में मेघालय है और आने वाले चुनाव में वह वहां भी अपने विकास मॉडल और नरेंद्र मोदी के करिश्माई मॉडल पर चुनाव लड़ती नजर आ सकती है।

मिजोरम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिजोरम में भी तुईरिल हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था। रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि यह प्रोजेक्ट अटल बिहारी वाजपेयी के ही कार्यकाल में पास हो गया था, लेकिन कांग्रेस ने इसमें देरी की। अब बीजेपी सरकार इस प्रोजेक्ट को पूरा कर रही है। उन्होंने इसे केंद्र सरकार की तरफ से सौंपा गया सबसे बड़ा प्रोजेक्ट बताया थां वहीं अमित शाह ने भी सितंबर-अक्टूबर में यहां का दौरा किया था और पार्टी की मजबूती के लिए प्रदेश बीजेपी के नेताओं के साथ मीटिंग की थी।

अमित शाह ने कर दिया इजहार
ऐसे में यह स्पष्ट तौर पर दिखता है कि गुजरात और हिमाचल के बाद बीजेपी की नजर कर्नाटक और पूर्वोत्तर के राज्यों पर टिकी हुई है। 'कांग्रेस मुक्त भारत' के अपने अभियान के मद्देनजर बीजेपी यहां भी सरकार बनाने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इसके लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी कई मीटिंग ली है। गुजरात और हिमाचल चुनाव के नतीजे के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए भी अमित शाह ने इन राज्यों के चुनावों का जिक्र किया और दावा किया कि यहां भी उनकी पार्टी की सरकार बनेगी।

इन 19 राज्यों में बीजेपी का शासन
वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, असम, छारखंड, हरियाणा, गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और गुजरात में उसकी सरकार है। वहीं, बिहार, जम्मू कश्मीर सिक्किम, नागालैंड और आंध्रप्रदेश में उसकी गठबंधन की सरकार है। ऐसे में देश के 19 राज्यों की सत्ता में बीजेपी है।

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