अगर गौरी RSS के खिलाफ नहीं लिखतीं तो शायद आज जिंदा रहतीं : BJP MLA

Friday, Sep 08, 2017 - 07:19 PM (IST)

बेंगलुरुः कर्नाटक के बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री डीएन जीवराज ने पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या को लेकर विवादित बयान दिया। उनके बयान ने राज्यभर में बखेड़ा कर दिया। राज्य की श्रृंगेरी सीट से विधायक जीवराम ने कहा कि अगर गौरी आरएसएस के लोगों की मौत पर जश्न के बारे में नहीं लिखतीं तो शायद जिंदा होतीं। कांग्रेस राज में कोई सुरक्षित नहीं है। वहीं, मर्डर को लेकर बीजेपी और नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयान देने पर पार्टी नेताओं ने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

जीवराज ने चिकमंगलुरु में बीजेपी कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा, ''कुछ दिन पहले गौरी ने एक आर्टिकल लिखा था, जो 'डेथ ऑफ द आरएसएस' टाइटल से पब्लिश हुआ था। गौरी ने आर्टिकल में संघ कार्यकर्ता के लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल किया।

उनकी मौत के पीछे ये भी एक वजह हो सकती है। उन्होंने कहा, वो जिस तरह लिखती थीं, बर्दाश्त के बाहर था।'कांग्रेस की सरकार में 11 संघ कार्यकर्ता मार दिए गए लेकिन सीएम सिद्धारमैया ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। हमने कांग्रेस राज में संघ के लोगों को मरते देखा है।
गौरी इन सब मामलों पर लिखती थीं लेकिन उन्होंने संघ के लिए गलत लिखा। मैं उन्हें बहन की तरह सम्मान देता हूं।' जीवराज के इस बयान को लेकर विवाद शुरू हो गया है। कुछ लोगों ने उनके खिलाफ पुलिस के पास शिकायत भी दर्ज कराई है। 
गौरी की हत्या पर राहुल गांधी ने कहा था, कि कोई भी जो बीजेपी-आरएसएस की आइडियोलॉजी के खिलाफ बोलता है, उस पर दबाव डाला जाता है, पीटा जाता है, उस पर हमला किया जाता है और मार भी दिया जाता है। इसका मकसद ये है कि इस देश में केवल एक आवाज रहे और दूसरी कोई आवाज ना उठे लेकिन ये इस देश का चरित्र नहीं है। इनकी पूरी आइडियोलॉजी ही आवाजों को दबाना है। मैंने सीएम से बात की और उनसे कहा कि जिन लोगों ने ये काम किया है, उन्हें सजा दी जानी चाहिए। 
बता दें, गौरी (55 साल) वीकली टैबलॉइड ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ की एडिटर थीं। यह टैबलॉइड एडवर्टिजमेंट नहीं छापता था। इसे 50 लोगों का ग्रुप चलाता था। इस टैबलॉइड के जरिए गौरी लगातार कम्युनल पॉलिटिक्स और कास्ट सिस्टम के खिलाफ लिखती थीं।

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