विधायक के विवादित बोल, ईमान बेच कर हुआ भाजपा में शामिल

Friday, May 25, 2018 - 02:43 PM (IST)

सिवनी: पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए मध्यप्रदेश की सिवनी विधानसभा से निर्दलीय के तौर पर निर्वाचित विधायक दिनेश राय मुनमुन के सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। वायरल वीडियो में मुनमुन कथित तौर पर यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि उनके क्षेत्र का विकास नहीं हो रहा था, इसलिए वे खुद को गिरवी रख कर और अपना ईमान बेच कर भाजपा में शामिल हुए हैं, क्षेत्र के काम अगर तीन महीने तक नहीं हुए, तो वे वैसे ही रहेंगे, जैसे पहले थे।  

हाल ही में हुए थे भाजपा में शामिल
हालांकि वीडियो के वायरल होने के बाद वे अपनी बाात को तोड़मरोड़ कर पेश करने की बात कह रहे हैं। आज उन्होंने कहा कि वे भाजपा में सिवनी के विकास के लिए आए हैं, बीते दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिवनी आगमन के दौरान मेडिकल कॉलेज व लालमाटी क्षेत्र में पानी देने की घोषणा की है और उन्हें पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री अपनी घोषणाओं को पूरा करेंगे। मुनमुन ने सफाई देते हुए कहा कि उच्च राजनैतिक असंतुष्ट लोग उनके बयान को तोड़ मरोड़कर तथा बदलकर प्रस्तुत कर रहे है। उनका उद्देश्य विकास है और वे भाजपा परिवार में विकास के लिए ही शामिल हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि अगले तीन माह में क्षेत्र में विकास दिखाई देगा। मुनमुन पिछले दिनों भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दौरे के ऐन पहले भाजपा में शामिल हुए थे। उनका विधानसभा क्षेत्र सिवनी कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद कमलनाथ के संसदीय क्षेत्र छिंदवाडा से सटा है। उनके भाजपा में शामिल होने को कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा था। 

भाजपा में दबाव के तहत हुए शामिल
वायरल वीडियो के बारे में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि मुनमुन ने पार्टी की सदस्यता लेते समय पार्टी की रीति नीति और नेतृत्व पर आस्था जताई है, उनके द्वारा अभी तक किसी प्रकार की आपत्ति नहीं जताई गई है, अगर कुछ भी मामला होगा तो नेतृत्व उस पर विचार करेगा। वहीं पूरे प्रकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता जे पी धनोपिया ने कहा कि मुनमुन का बयान बताता है कि वे भाजपा में दबाव के तहत शामिल हुए हैं और इससे भाजपा का चेहरा उजागर हो गया है, हालांकि अब मुनमुन ने अपने बयान से पलट कर यह भी साबित कर दिया है कि उनकी स्वयं की निष्ठा भी संदेहास्पद है। 
 

Anil dev

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