कांग्रेस का 'सॉफ्ट हिंदुत्व' का एेजेंडा 'मुसलमानों' को नहीं आया रास, भाजपा ने मारी बाजी

Wednesday, Dec 20, 2017 - 05:43 PM (IST)

नेशनल डेस्कः इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सॉफ्ट हिंदुत्व का आइडिया पार्टी को भारी पड़ गया। गुजरात दंगों के बाद कांग्रेस में आस्था रखने वाले मुस्लिम समुदाय ने इस दफा कांग्रेस को पीठ दिखाई है। गुजरात में इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यूपी की तरह ही कोई भी मुस्लिम उम्‍मीदवार मैदान में नहीं उतारा था। बावजूद इसके राज्य के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में जनता ने कांग्रेस से ज्यादा भारतीय जनता पार्टी पर भरोसा जताया है। इसके चलते गजुरात की 18 मुस्लिम बाहुल्य सीटों में भाजपा ने 9 सीट कब्जा किया है, जबकि कांग्रेस के खाते में 7 सीटें जीती हैं। 
18 में से 9 सीटों पर भाजपा का कब्जा
मुस्लिम बहुल सीटों की बात करेें तो गुजरात में 18 सीटों पर मुस्लिम समुदाय की आबादी 25 से 60 प्रतिशत है। गौर करने वाली बात है कि इन सीटों पर भाजपा ने कांग्रेस से ज्यादा सीटों को अपने खाते में किया है। भाजपा ने 18 में से 9 सीटों पर कब्जा किया है वहीं कांग्रेस को 7 सीटों से संतोष करना पड़ा।  
एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा
गुजरात की कुल जनसंख्या का 9.6 फीसद मुस्लिम आबादी का है। एेसे में विधानसभा की 66 सीटें ऐसी हैं जिनमें मुस्लिम समुदाय की संख्या 10 से 60 प्रतिशत तक है। नतीजों के मुताबिक इनमें 52 प्रतिशत सीटें भाजपा ने जीतीं हैं जबकि कांग्रेस के हिस्से में 45 प्रतिशत सीटें आई हैं। एक सीट निर्दलीय को मिली है। वहीं, 2012 के चुनावों में भाजपा को 60 प्रतिशत और कांग्रेस को 40 प्रतिशत सीटें मिली थीं। ये स्थति तब है जब भारतीय जनता पार्टी ने राज्य की 182 सीटों में से एक भी सीट पर किसी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया था। जबकि कांग्रेस ने इस बार 6 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। 
मुसलमानों को रिझाने की नहीं की कोशिश
वहीं कांग्रेस पार्टी 6 मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया था लेकिन कांग्रेस ने इस बार के चुनाव में किसी भी तरह से मुसलमानों को रिझाने की कोशिश नहीं की। कांग्रेस पार्टी के नेता पूरे प्रचार अभियान के दौरान मंदिर-मंदिर दर्शन करते दिखे लेकिन मस्जिद या दरगाह में उन्हें नहीं देखा गया। यहां तक की कांग्रेस नेता को ना तो मुस्लिम इलाकों में प्रचार करते देखा गया ना ही मुस्लिम टोपी पहने। इस बार पार्टी ने सॉफ्ट हिंदुत्व के सहारे अपनी नैया पार लगाने का आइडिया निकाला था। इसके चलते कांग्रेस ने गुजरात में जो जातीय गठबंधन बनाया उसमें पटेल, दलित, आदिवासी, और पिछड़ा वर्ग को तवज्जो दी लेकिन खुद को धर्मनिरपेक्ष कहने वाला यह दल मुसलमानों को तवज्जो देने से कतराता दिखा।
जनसंख्या के हिसाब से नहीं मिली भागीदारी
गुजरात की जनसंख्या का दस फीसद मुस्लिम है लेकिन उनकी चुनाव में भागीदारी कभी उतनी नहीं रही है। करीब 37 साल पहले 1980 के विधानसभा चुनावों में 17 मुस्लिम उम्मीदवार चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। इसके बाद से अब तक विधानसभा उनकी भागीदारी इतनी बड़ी संख्या में कभी नहीं रही। इसके बाद के सालों में हालात एेसे हो गए कि साल 1998 के चुनाव में सर्वाधिक 5 विधायक चुनकर आए थे। हालांकि इस बार उनकी संख्या में पिछली विधानसभा के मुकाबले दोगुना इजाफा हुआ है लेकिन फिर भी साल 1998 के मुकाबले 1 कम है। इस बार 4 मुस्लिम उम्मीदवार जीते हैं।     

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