भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित

Sunday, Sep 09, 2018 - 05:21 AM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आज पूर्व प्रधानमंत्री एवं पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए पार्टी ने संकल्प व्यक्त किया कि वह उनके दिखाए मार्ग पर सतत चलती रहेगी तथा देश में सुशासन और विकास की राजनीति को मजबूती के साथ आगे बढ़ायेगी।



पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारित शोक प्रस्ताव में कहा गया है कि ‘पार्टी अपने संस्थापक अध्यक्ष और राष्ट्र के सर्वप्रिय नेता अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक प्रकट करती है। अटल जी के निधन से हम सभी ने इस देश में मूल्यनिष्ट राजनीति के आधार पर सु-शासन की अवधारणा को फलीभूत करनेवाले एक युगद्रष्टा को खोया है।’’ इसमें कहा गया है कि स्वाधीन भारत के राजनीतिक इतिहास में अटलजी ने अपनी निष्ठा, और अपने आदर्शवादी सिद्धांतों पर अडिग रहते हुए परिश्रम की पराकाष्ठा तक जाकर एक ऐसा विश्वसनीय राजनीतिक विकल्प खड़ा किया, जो राजनीति के माध्यम से जन आकांक्षाओं की पूर्ति में सफल सिद्ध हुआ है।



प्रस्ताव में कहा गया है कि अटल जी की राजनीति की इस विकास यात्रा में संघर्षों की एक लंबी श्रृंखला है। इस यात्रा को देखें तो पार्टी के उदयकाल में उन्हें कई मोर्चों पर एक साथ संघर्ष करना पड़ा। ऐसा देखने को मिलता है कि अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितियों में उन्होंने संघर्ष भरे अनेक दौर का सामना किया। राजनीतिक अस्पृश्यता, संसाधनों का अभाव, संगठन खड़ा करने और उसका विस्तार करने में आयी अनगिनत बाधाएं, लेकिन इन सबसे जूझते हुए उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पार्टी को एक विशिष्ट पहचान दी।



इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री के नाते उन्होंने लोकहितों के प्रति निष्ठा और संवेदनशीलता का परिचय दिया तथा विपक्ष में रहते हुए एक आदर्श विपक्षी नेता का उदाहरण भी बने। संसद के भीतर और बाहर भी उन्होंने अपनी कार्यशैली से राजनीति की गरिमा को बढ़ाया और लोकतंत्र के प्रति विश्वास को मकाबूत किया। देश में गठबंधन-राजनीति की सफलता उन्होंने स्थापित की और ‘गठबंधन धर्म’ को निभाते हुए एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया। प्रस्ताव में कहा गया है कि जय जवान-जय किसान को जय विज्ञान से जोड़ते हुए उन्होंने आधुनिक सोच का उदाहरण दिया। वे राजनीति, अर्थनीति, वैश्विक नीति और लोकनीति की गहरी समझ रखने वाले नेता थे।



आर्थिक उदारीकरण और निजीकरण के विषय में भी उन्होंने जनहित को सर्वोपरि रखते हुए संतुलन की ²ष्टि प्रस्तुत की। उनके कार्यकाल में आॢथक जवाबदेही को लेकर महत्वपूर्ण क़ानून लागू हुआ, परिणामत: देश के आर्थिक विकास को गति मिली। उन्होंने अडिग रहते हुए भारत की सुरक्षा-दृष्टि से महत्वपूर्ण परमाणु परीक्षण का ऐतिहासिक कार्य भी सफलतापूर्वक करके दिखाया। प्रस्ताव में कहा गया है कि भारतीय संविधान के क्रियान्वयन की समीक्षा , राज्यसभा चुनाव में पारर्दिशता लाना और केंद्र तथा राज्यों के मंत्रिमंडल की सदस्य संख्या पर नियंत्रण.. यह तीन महत्वपूर्ण सुधार अटलजी की सिद्धांतवादी सोच और कर्मठ कार्यशैली के उदाहरण हैं।



इसमें कहा गया है कि अटलजी के निधन से सभी प्रदेशों ने एक शासन की नीतियों को समझाने वाला एक सच्चा मार्गदर्शक खोया है। प्रस्ताव में जोर दिया गया है कि ‘‘ भारतीय जनता पार्टी की यह राष्ट्रीय कार्यसमिति दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के प्रति अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए संकल्प करते हैं कि हम सभी उनके दिखाए मार्ग पर अथक चलते रहेंगे और देश में सुशासन और विकास की राजनीति को मजबूती के साथ आगे बढ़ाएंगे।’’

 

Yaspal

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