Analysis: गुजरात में भाजपा को चुनौती

Thursday, Aug 10, 2017 - 08:22 PM (IST)

जालंधर(पाहवा): हाल ही में गुजरात में हुए राज्यसभा चुनावों को लेकर मची खलबली शांत हो चुकी है। सुर्खियों में रहे गुजरात के राज्य सभा सीटों के चुनावी नतीजे सामने हैं तथा वहां तीन में दो पर भाजपा और एक पर कांग्रेस विजयी रही। कांग्रेस के लिए यह सीट इसलिए बड़ी जीत है क्योंकि पहले लगातार हार से बौखलाई कांग्रेस से शकंर सिंह वघेला के चले जाने ने बड़ा नुक्सान किया था जिसका असर आने वाले विधानसभा चुनावों तक रहता लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष  सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार और पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल की जीत से उस नुक्सान का पलड़ा भाजपा की तरफ झुकता दिख रहा है। गुजरात में तीन में से दो सीटों पर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को आसान जीत मिली है।

असलियत में 182 सदस्यों वाली गुजरात विधानसभा में भाजपा के 120 विधायक हैं इनकी मदद से वह आसानी से तीन में से दो सीट जीत सकती थी। उसके बाद भी भाजपा ने तीसरी सीट पर हाल ही में कांग्रेस छोड़कर आए बलवंत सिंह को प्रत्याशी बना अहमद पटेल के सामने खड़ा कर दिया। इस तरह बीस साल में पहली बार गुजरात में राज्य सभा चुनाव के दौरान मतदान की नौबत आ गई। गुजरात के नेता अहमद पटेल तथा अमित शाह के बीच संबंध ठीक नहीं हैं तथा दोनों एक दूसरे को धुर विरोधी मानते हैं। इसी खुन्नस को लेकर शाह ने पटेल को हराने की कमान खुद संभाली थी। 

चुनाव से ठीक पहले वाघेला के चले जाने से निश्चित तौर पर कांग्रेस को बड़ा नुक्सान हुआ था लेकिन पार्टी ने तुरंत संभलते हुए बाकी बचे 51 विधायकों में से 44 को बेंगलुरु स्थित एक रिजॉर्ट में शिफ्ट कर दिया। पार्टी भाजपा की सेंधमारी से इन विधायकों को बचाने में काफी हद तक सफल भी रही, जिसका नतीजा पटेल की जीत के तौर पर सामने आया है। इनमें से 43 विधायकों ने पटेल के पक्ष में वोट दिया। जानकार कहते हैं कि कांग्रेस की यह जीत कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई जान फूंक सकती है। दरअसल कांग्रेस में अहमद पटेल की वही स्थिति है जो भाजपा में अमित शाह की है। अगर पटेल यह चुनाव हार जाते तो गुजरात में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए अपने ही गढ़ में हारने वाली हालत होती। 

अगर पटेल यह चुनाव हार जाते तो इसका सीधा असर अगले विधान सभा चुनाव पर पडऩा तय था। उसका मतलब यह होता कि भाजपा आने वाले चुनावों में 150 सीटें जीतने की हिम्मत रखती है लेकिन पटेल की जीत से आम कार्यकर्ता एक बार फिर आत्मविश्वास से भर दिया है। इससे गुजरात में भाजपा की बिना रोकटोक विधानसभा चुनाव जीतने के अभियान पर बड़ी रुकावट हो सकता है। राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस की इस एक सीट की जीत को भाजपा की हार के तौर पर देखा जा रहा है।

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