राष्ट्रीय मुद्दों पर शांत रहकर भाजपा उम्मीदवारों ने जीतीं लक्ष्मीनगर व बदरपुर सीटें

Friday, Feb 21, 2020 - 02:52 AM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में जहां आम आदमी पार्टी ने 62 सीटें जीतीं, वहीं भाजपा ने केवल 8 सीटें जीतीं। इसके साथ ही भाजपा ने जहां 5 सीटें बढ़ाईं, वहीं 2 मुश्किल सीटों पर भी जीत हासिल की। पूर्वी दिल्ली से लक्ष्मीनगर व दक्षिणी दिल्ली से बदरपुर सीट पर भाजपा ने कब्जा जमाया। भाजपा के दोनों उम्मीदवारों ने लोगों से सीधे बातचीत की। केजरीवाल पर निजी हमला नहीं बोल शाहीन बाग व राष्ट्रीय मुद्दों पर शांत रहे। इसके साथ दोनों उम्मीदवारों ने डोर-टू-डोर संपर्क साधने से जीत हासिल की। 

भाजपा ने जहां लक्ष्मीनगर सीट पर पहली बार जीत हासिल की वहीं बदरपुर सीट पर पिछली बार 2015 में ‘आप’ के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। 2008 में नई सीट बनने के बाद से लक्ष्मीनगर सीट पर कांग्रेस विधायक ए.के. वालिया ने जीत हासिल की, वहीं 2013 व 2015 में आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की थी किन्तु 2020 में भाजपा प्रत्याशी अभय वर्मा ने लक्ष्मीनगर सीट से जीत हासिल की।  वर्मा ने चुनाव अभियान दौरान स्थानीय मुद्दों को लेकर लोगों से सम्पर्क साधा। उन्होंने जाना कि स्थानीय लोगों को क्या समस्या है जो कि मूलभूत जरूरत की है।

1993 से बदरपुर से जुड़े हैं बिधूड़ी
वहीं बदरपुर सीट पर जीत के लिए भाजपा को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। यहां भाजपा के रामवीर सिंह बिधूड़ी व ‘आप’ के राम सिंह नेताजी के बीच मुकाबला था। बिधूड़ी ने यहां जनता दल की टिकट से 1993 में पहला चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की और 1998 में राम सिंह नेताजी निर्दलीय उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा। 2003 में जहां रामवीर बिधूड़ी ने राकांपा से चुनाव लड़ा और राम सिंह के हाथों हार का सामना करना पड़ा। 2008 में राम सिंह नेता जी ने बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और रामवीर बिधूड़ी के हाथों हार का सामना करना पड़ा। 2013 में रामवीर सिंह भाजपा से पहली बार चुनाव लड़े और जीत हासिल की और 2015 में ‘आप’ प्रत्याशी एन.डी. शर्मा ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की किन्तु 2020 में रामवीर सिंह ने वापसी करते हुए ‘आप’ प्रत्याशी राम सिंह नेताजी से जीत हासिल की। 

बदरपुर सीट पर है गुुर्जर समुदाय का वर्चस्व
बदरपुर विधानसभा सीट में गुुर्जर समुदाय का वर्चस्व है। यहां ग्रामीण क्षेत्र है जो बाद में शहर में शामिल हो गया था व अनधिकृत कॉलोनियां हैं। बिधूड़ी यहां लोगों के बीच चॢचत हैं। वे लोगों से लगातार संपर्क साधते रहते हैं और स्थानीय लोगों की समस्याओं को जानते हैं व इनके समाधान के लिए प्रयास भी किए हैं। यहां मध्यम वर्ग के बीच बिधूड़ी की छवि काफी अच्छी है।          

Pardeep

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