विधानसभा चुनावों में भाजपा बदल सकती है उम्मीदवार

Tuesday, May 14, 2019 - 05:16 PM (IST)

जम्मू (बलराम सैनी): भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक रविंद्र रैना का कहना है कि भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है और पार्टी के पास चुनाव मैदान में उतरने में सक्षम कार्यकर्ताओं की भरमार है। सभी कार्यकर्ता देशहित में काम कर रहे हैं। इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों में बदलाव करके नए चेहरे उतारने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि, प्रदेश भाजपा के कोर ग्रुप द्वारा सुझाए गए नामों पर टिकट देने का अंतिम निर्णय लेना भाजपा संसदीय बोर्ड का अधिकार क्षेत्र है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर अपना एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर उन्होंने यह बात ‘पंजाब केसरी’ के साथ साक्षात्कार में कही। 


रविंद्र रैना ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में भाजपा के प्रति लोगों का रुझान देखते हुए इतना तय है कि उनकी पार्टी पहले से ज्यादा सीट हासिल करके अपने दम पर सरकार बनाएगी और अगला मुख्यमंत्री भी भाजपा का ही होगा। वह खुद मुख्यमंत्री की उम्मीदवार होंगे अथवा नहीं, इसका निर्णय भी पार्टी हाईकमान को करना है, क्योंकि वह तो निस्वार्थ भाव से पार्टी के आदेश के अनुसार जिम्मेदारी संभालते आए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती थी कि विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ ही करवाए जाएं, लेकिन राज्य प्रशासन के पास खुफिया एजैंसियों के कुछ इनपुट होने के कारण राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने चुनाव आयोग को इसकी सिफारिश नहीं की।


लेह के रिश्वत कांड पर रविंद्र रैना ने कहा कि इस घटना में कांग्रेस की साजिश के तहत भाजपा नेताओं को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। खुद प्रैस क्लब लेह के उपाध्यक्ष इस संबंध में स्पष्ट कर चुके हैं कि शिकायत में उनके हस्ताक्षर फर्जी हैं और आरोप लगाने वाले कथित पत्रकार पहले कांग्रेस टिकट पर लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद का चुनाव लड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा इस मामले में कानूनी कार्रवाई करेगी।

 


भाजपा नेताओं पर हमले सुरक्षा एजैंसियों की विफलता
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि नवम्बर 2018 में किश्तवाड़ शहर के बीचोंबीच भाजपा के कद्दावर नेताओं अनिल परिहार व अजीत परिहार की हत्या, फिर किश्तवाड़ अस्पताल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सहसेवा प्रमुख चंद्रकांत शर्मा का दिनदिहाड़े कत्ल और अब अनंतनाग जिला उपाध्यक्ष गुल मोहम्मद मीर की हत्या कर दी गई। मीर को तो कश्मीर का अटल बिहारी वाजपेयी कहा जाता था। प्यार से लोग उन्हें अटल गुल मोहम्मद कहते थे। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से भाजपा की ताकत बढ़ रही है, उसे रोकने के लिए भाजपा और संघ नेताओं पर आतंकी हमले करना आतंकवादियों और अलगाववादियों का गहरा षड्यंत्र तो है ही, राज्य की सुरक्षा एजैंसियों की विफलता भी है। चिंताजनक विषय यह है कि इन घटनाओं के महीनों बाद भी सुरक्षा एजैंसियां दोषियों तक नहीं पहुंच पाई हैं। उन्होंने कहा कि किश्तवाड़ वासियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सेना की जैक राफइल के प्रशिक्षण केंद्र को जोधपुर से किश्तवाड़ शिफ्ट किया जाए और दक्षिण कश्मीर में ऑप्रैशन ऑलआऊट तेज किया जाए। 

 
‘समलैंगिक’ के मुद्दे पर जनता सब जानती है
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि उन्हें ‘समलैंगिक’ बताने वाले नेता को उन्होंने कानूनी नोटिस भेजा था और बाद में उस नेता ने माफी मांग ली। इसके बाद अदालत में उसके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई, उन्हें (रैना को) चुनावी गहमागहमी में यह पता नहीं चल पाया। दरअसल यह उनके खिलाफ एक राजनीतिक षड्यंत्र था और यह षड्यंत्र रचने वाले कुछ लोग तो जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। हमारे देश में कानून का राज है और इस मामले में भी कानून अपना काम करेगा। वह इतना कहना चाहते हैं कि वह पिछले 20 वर्ष से सार्वजनिक जीवन में हैं, इसलिए ‘समलैंगिक’ समेत हर मुद्दे पर राज्य की जनता उनके बारे में सब जानती है।  
 


प्रिया जराल को अपनी लड़ाई लडऩी चाहिए थी
भाजपा की पूर्व नेता प्रिया जराल द्वारा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर ‘महिलाओं को होटलों में बुलाने’ के आरोप पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का कहना था कि प्रिया जराल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के श्रद्धांजलि समारोह में यह मुद्दा उठाया था। पार्टी ने इस आरोप का पूरा संज्ञान लिया। प्रिया जराल को यह भी कहा गया था कि पुलिस और अदालत का रास्ता खुला है। वह अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ें, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। यदि किसी ने गलत किया है तो उसे सजा होनी चाहिए। भाजपा किसी गलत व्यक्ति का बचाव करने वाली पार्टी नहीं है, लेकिन इस मामले को आगे बढ़ाना उनकी जिम्मेदारी थी।  
 
एक साल में हर स्तर पर पार्टी को मजबूत किया
रविंद्र रैना का कहना था कि उन्होंने 13 मई 2018 को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के आदेश पर पार्टी प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी ग्रहण की थी। इस दौरान उन्होंने जम्मू, कश्मीर व लद्दाख खित्तों में मतदान केंद्र से लेकर शक्ति केंद्र, मंडल व जिला स्तर पर होते हुए प्रदेश तक हर स्तर पर पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने का प्रयास किया। इसकी बदौलत जम्मू संभाग के 37 शहरी स्थानीय निकायों में से 30 निकायों में भाजपा का शासन स्थापित हुआ। पिछले 70 वर्षों में किसी राजनीतिक दल को इतना जबर्दस्त जनादेश नहीं मिला था। इसी प्रकार कश्मीर और लद्दाख में भी भाजपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन सराहनीय रहा। श्रीनगर की ऐतिहासिक लाल चौक वाली सीट भाजपा ने जीती। फिर गैर राजनीतिक होने के बावजूद पंचायत चुनावों में भाजपा कार्यकर्ताओं ने भारी जीत हासिल की।
 

  लाल सिंह नहीं कर पाए ज्यादा नुक्सान
रविंद्र रैना ने कहा कि उन्होंने अंत तक पूरा प्रयास किया कि पूर्व मंत्री चौ. लाल सिंह भारतीय जनता पार्टी में रहें और जम्मू विशेषकर डोगरा वोटों का बंटवारा न हो, लेकिन फिर भी उन्होंने अलग होने का निर्णय ले लिया। पहले पहल भाजपा को ऐसा महसूस हो रहा था कि चौ. लाल सिंह जम्मू-पुंछ संसदीय क्षेत्र में थोड़ा कम, लेकिन कठुआ-ऊधमपुर-डोडा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशियों को ज्यादा नुक्सान पहुंचाने में सक्षम होंगे, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए। उन्हें पूर्ण विश्वास है कि कार्यकर्ताओं की मेहनत एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता की बदौलत भाजपा जम्मू-पुंछ, कठुआ-ऊधमपुर-डोडा और लद्दाख संसदीय क्षेत्रों में बंपर वोटों के साथ विजय हासिल करने के अलावा कश्मीर घाटी की सीटों विशेषकर अनंतनाग-पुलवामा में भी बेहतरीन प्रदर्शन करेगी।
 
 

Monika Jamwal

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