UN में गूंज उठी थी तालियां जब पहली बार अटल जी ने हिंदी में दिया था भाषण

Tuesday, Jun 12, 2018 - 11:24 AM (IST)

नई दिल्ली: भारत की राष्ट्र भाषा हिंदी का अपना अलग ही महत्व और इतिहास है। अगर किसी ने हिंदी को प्रचारित और प्रसारित करने और इसके प्रति दुनिया का ध्यान आकर्षित करने का लिए सबसे ज्यादा काम किया है वो हैं देश के पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता अटल बिहारी वाजपेयी।

अटल जी को हिंदी भाषा से काफी लगाव है। इस लगाव का असर उस वक्त भी देखा जा सकता था जब 1977 में जनता सरकार में विदेश मंत्री के तौर पर काम कर रहे अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में अपना पहला भाषण हिंदी में देकर सभी के दिल में हिंदी भाषा का गहरा प्रभाव छोड़ दिया था। संयुक्त राष्ट्र में अटल बिहारी वाजपेयी का हिंदी में दिया भाषण उस वक्त काफी लोकप्रिया हुआ। 

यह पहला मौका था जब यूएन जैसे बड़े अतंराष्ट्रीय मंच पर भारत की गूंज सुनने को मिली थी। अटल बिहारी वाजपेयी का यह भाषण यूएन में आए सभी प्रतिनिधियों को इतना पसंद आया कि उन्होंने खड़े होकर अटल जी के लिए तालियां बजाई। 'वसुधैव कुटुंबकम' का संदेश देते अपने भाषण में उन्होंने मूलभूत मानव अधिकारों के साथ- साथ रंगभेद जैसे गंभीर मुद्दों का जिक्र किया था। 

अटल जी ने जो भाषण दिया था उससे यह साफ पता लगाया जा सकता है कि उन्होंने हिंदी भाषा को अपने दिल के कितने करीब रखा हुआ है। एक बेहतरीन नेता होने के बावजूद भी अटल जी एक अच्छी कविताएं भी लिखा करते हैं। जो लोग आज भी पढऩा या सुनना पसंद करते है। 

Anil dev

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