MCD चुनाव में भाजपा और कांग्रेस को मिला बूस्ट, 2025 में बढ़ेंगी AAP की मुश्किलें?

Wednesday, Dec 07, 2022 - 06:46 PM (IST)

नेशनल डेस्कः दिल्ली नगर निगम के आम आदमी पार्टी (AAP) को स्पष्ट बहुमत के साथ ही साफ हो गया है कि राजधानी में एमसीडी की सत्ता पर AAP का मेयर काबिज होगा। दिल्ली एमसीडी में AAP  को 134 वार्डों पर जीत मिली है, भाजपा को 104 वार्ड पर परचम लहराया है। लेकिन कांग्रेस का प्रदर्शन एक बार निराशाजनक रहा है और 250 वार्डों में सिर्फ 9 वार्डों पर ही उसके पार्षद जीत हासिल कर सके हैं। अन्य तीन निर्दलियों ने एमसीडी में अपना खाता खोला है।

एमसीडी चुनाव में AAP ने भले ही जीत दर्ज कर ली हो लेकिन उसके वोट प्रतिशत में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है, जबकि भाजपा और कांग्रेस के वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है। AAP का वोट शेयर 42.05 फीसदी रहा जबकि बीजेपी का 39.09 फीसदी और कांग्रेस का 11.68 फीसदी रहा।

दरअसल 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP का वोट प्रतिशत 53.61 फीसदी था। उस चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर 38.52 फीसदी और कांग्रेस का 4.25 फीसदी था। वैसे तो इस चुनाव में AAP को सबसे ज्यादा वोट मिले थे, लेकिन 2015 की तुलना में उसका वोट प्रतिशत कुछ घट गया था। 2015 में AAP का वोट शेयर 54.3 फीसदी था, जबकि BJP का 32.3 और कांग्रेस का 9.7 फीसदी था। यानी AAP का वोट प्रतिशत एक फीसदी कम हो गया था।

इसी तरह अगर 2020 विधानसभा चुनाव में AAP को मिले वोट प्रतिशत की तुलना 2022 के एमसीडी में चुनाव में मिले वोट प्रतिशत से की जाए तो इस बार AAP को अच्छा खासा नुकसान हुआ है। दो साल पहले जहां विधानसभा में AAP का वोट शेयर 53.61 फीसदी था, वही इस बार एमसीडी चुनाव में यह आंकड़ा 42.05 फीसदी पर आकर सिमट गया है यानी AAP का वोट शेयर सीधे 11.56 फीसदी तक घट गया है। इतनी बड़ी संख्या में वोटर का AAP से मोह भंग होना आम आदमी पार्टी के लिए खतरे का संकेत हो सकता है।

हालांकि AAP कई बार यह बात कह चुकी है कि चाहे लोकसभा चुनाव हों, विधानसभा चुनाव हों या फिर एमसीडी चुनाव, हर बार वोट शेयर बदलता रहता है। इसके अलावा केंद्र, राज्य और लोकल चुनाव में लोगों के मुद्दे और प्राथमिकताएं अलग-अलग होती हैं, इसलिए भी वोट शेयर में फर्क पता चलता है।

Yaspal

Advertising