BJP नेता का दावा - 18 बार गया पश्चिम बंगाल, 22 से अधिक मिलेगी सीट

Sunday, Mar 25, 2018 - 03:54 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मीडिया को दिए एक खास साक्षात्कार में माना कि यूपी की 2 सीटों के लिए हुए लोकसभा उपचुनाव में हार का कारण सपा व बसपा की चुनावी रणनीति रही। हालांकि अमित शाह का मानना है कि इन दो लोकसभा सीटों की हार का बदला राज्यसभा चुनाव में ले लिया गया है। उनका यह बयान काफी हैरानी वाली रहा। कारण यह है कि राज्यसभा में वोट का अधिकार केवल विधायकों को होता है जबकि लोकसभा के चुनाव में वोट सीधे जनता द्वारा किया जाता है। दोनों ही चुनावी नतीजों के मायने एक दूसरे से एकदम अलग होते हैं। इसके बावजूद बीजेपी आलाकमान का यह बयान काफी हैरत भरा लगता है। इतना ही नहीं अमित शाह का यह भी कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए सपा और बसपा के इस चाल की काट तैयार कर ली गई है। इसके अलावा अमित शाह ने दावा किया कि 2019 के आम चुनाव में बीजेपी को पश्चिम बंगाल में 22 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। शाह ने कहा, ‘मैं पश्चिम बंगाल 18 बार जा चुका हूं, वहां लोग तृणमूल कांग्रेस की हिंसा की संस्कृति से तंग आ गए हैं।'

ये हैं अमित शाह के 10 बड़े बयान:-

1. गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव स्थानीय मुद्दों को लेकर हुआ, लेकिन आम चुनावों में वरिष्ठ नेता और बड़े मुद्दे ध्यान में रखे जाते हैं।

2. TDP के अलग होने से NDA पर कोई प्रभाव नहीं होगा। 2014 में 11 पार्टियां साथ आई थीं। केवल एक ने साथ छोड़ दिया है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

3. सपा और बसपा के आखिरी वक्त पर साथ आने से गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में बीजेपी की हार हुई थी।

4. पाकिस्तान को एक-एक गोली का जवाब बम से दिया जाएगा, केवल यही समाधान है। हम गोली और बमों के बीच शांति वार्ता नहीं कर सकते हैं।

5. उपचुनाव की दो सीट पर बीजेपी की हार से कांग्रेस ने संसद भवन परिसर में मिठाई बांटी, लेकिन इसपर कोई बात नहीं कर रहा है कि हमने उनसे एक-एक कर 11 राज्य छीन लिए हैं, उन्हें त्रिपुरा की हार याद करनी चाहिए।

6. उपचुनाव में हार के कारणों की विस्तार से जांच हो रही है पार्टी 2019 में 50 फीसदी वोट शेयर के लिए लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है।

7. यूपी में विकास दिशा सही है। वहां जीरो भ्रष्टाचार है, किसानों की समस्याएं सुलझाई जा रही हैं। लॉ एंड आर्डर कंट्रोल में है और कई इंवेस्टमेंट सम्मिट किए जा रहे हैं।

8. राहुल गांधी गुजरात और हिमाचल में भी मंदिरों में गए थे, लेकिन क्या हुआ? 1967 के बाद कांग्रेस कभी भी 50 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल करने में सफल नहीं हुई है। हमने 50 फीसदी वोट गुजरात, हिमाचल और त्रिपुरा में हासिल किए।

9. कांग्रेस की कर्नाटक में हार तय है। वहां के लोग और लिंगायत समुदाय अच्छी तरह जानते हैं कि कांग्रेस ने 2013 में इस समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। कांग्रेस इस मुद्दे को हवा दे रही है क्योंकि वो जानती है कि विकास के नाम पर वो चुनाव नहीं लड़ सकती।

10. 2019 का चुनाव नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और उनकी लोकप्रियता को आगे रखकर लड़ेंगे। जिस तरह उन्होंने चार साल सरकार चलाई है, देश के हर हिस्से में महसूस किया जा रहा है कि भारत आगे बढ़ रहा है। मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं।
 

Punjab Kesari

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