पक्षियों को उडऩे का अधिकार है या नही ,सुप्रीम कोर्ट करेगा फैसला

Saturday, Nov 21, 2015 - 12:23 AM (IST)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने पक्षियों के उड़ान भरने के अधिकार संबंधी गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर आज राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू , न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की खंडपीठ ने पेट लवर्स एसोसिएशन की अपील की सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार को नोटिस जारी करके जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ता ने गुजरात उच्च न्यायालय के 2011 के आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसने आजाद उड़ान भरने का पक्षियों का अधिकार सुनिश्चित किया था। 
 
उच्च न्यायालय के इस आदेश के कारण पक्षियों का पिंजड़ों में कैद करके रखना गैर-कानूनी हो गया था। इससे पहले याचिकाकर्ता की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने दलील दी कि पक्षियों को संरक्षित करने के लिए पहले से ही कानून मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि पक्षियों के उड़ान भरने के अधिकार को लेकर उच्च न्यायालय का फैसला कानून-सम्मत नहीं है और इसे निरस्त किया जाना चाहिए। 
 
उनकी दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने गुजरात सरकार से जवाब तलब किया।  कुछ महीनों पहले शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ ऐसी ही एक अपील ख्रारिज कर दी थी। उच्चतम न्यायालय ने खुर्शीद को जनहित याचिका दायर करने की सलाह दी थी।  
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