एनिमल एंड हजबैंड्री डिपार्टमैंट ने 55 सैंपल भेजे जालंधर

Thursday, Nov 10, 2016 - 08:00 AM (IST)

चंडीगढ़(विजय गौड़) : माइग्रेटरी बर्ड्स ने चंडीगढ़ में दस्तक दे दी है। लगभग 750 के करीब माइग्रेटरी बर्ड्स सुखना लेक में डेरा जमा चुकी हैं। इन प्रवासी पक्षियों के आने के साथ ही चंडीगढ़ प्रशासन की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। दरअसल माइग्रेटरी बर्ड्स को बर्ड फ्लू का कैरियर माना जाता है। केवल एक यही वजह नहीं है, जिसमें फॉरैस्ट एंड वाइल्ड लाइफ और एनिमल एंड हजबैंड्री डिपार्टमैंट के अधिकारियों को परेशानी में डाला हुआ है बल्कि भोपाल की जिस लैबोरेटरी की रिपोर्ट आने का इंतजार प्रशासन को है, वह अभी तक नहीं आई है। यह रिपोर्ट उन डोमैस्टिक बर्ड्स की आनी थी, जिन्हें 20 अक्तूबर को सैक्टर-4 में मृत पाया गया था। 

 

हालांकि अधिकारियों की मानें तो रिपोर्ट में बर्ड फ्लू के कोई लक्षण नहीं होंगे। जब भी भोपाल की लैबोरेटरी में कोई सैंपल भेजे जाते हैं, तो उसकी रिपोर्ट सीधे केंद्र सरकार के पास ही जाती है। लगभग 20 दिन गुजर जाने के बाद अभी तक केंद्र सरकार की ओर से कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया। इसका मतलब कि स्थिति गंभीर नहीं है। 

 

50 माइग्रेटरी बर्ड्स के सैंपल लिए : 
माइग्रेटरी बर्ड्स के आने के साथ ही एनिमल एंड हजबैंड्री डिपार्टमैंट की टीम भी हरकत में आ गई है। बुधवार को डिपार्टमैंट की एक टीम सुबह 9 बजे ही सुखना लेक में पहुंच गई थी। रैगुलेटरी एंड पर ही इन प्रवासी पक्षियों ने डेरा जमाया हुआ है। यहां पर टीम ने 50 माइग्रेटरी बर्ड्स के फिकल के सैंपल लिए। इसके अतिरिक्त शहर के कुछ हिस्सों से पोल्ट्री फॉर्म से भी सैंपल एकत्रित किए गए। अब हर 15 दिनों में सैंपल लिए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि हर 
15 दिन बाद सैंपल लेकर लैब में भेजे जाएंगे।

 

मरा मिला डोमैस्टिक बर्ड :  
प्रशासन के लिए एक बार फिर परेशानी वाली बात यह है कि सुखना लेक में बुधवार को मृत डोमैस्टिक बर्ड मिला है। जिस समय डिपार्टमैंट की टीम सैंपल एकत्रित कर रही थी, वहीं पर यह बर्ड मरा हुआ मिला था। डिपार्टमैंट की ओर से इस बर्ड को तुरंत जालंधर भेज दिया गया। अधिकारी इसलिए भी परेशान हैं क्योंकि यह मौत माइग्रेटरी बर्ड्स के चंडीगढ़ पहुंचने के बाद हुई है। 

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