देश के इस राज्य में बर्ड फ्लू की दस्तक, 15 हजार मुर्गियों की मौत, चिकन और अंडों की बिक्री पर लगा प्रतिबंध

punjabkesari.in Tuesday, Aug 12, 2025 - 10:17 PM (IST)

नेशनल डेस्कः उत्तर प्रदेश में रामपुर जिला प्रशासन ने सीहोर गांव के एक कुक्कुट पालन केंद्र में संदिग्ध रूप से बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा एच5 वायरस) संक्रमण के चलते 15 हजार से ज्यादा मुर्गियों की मौत हो गयी। संक्रमण की पुष्टि के बाद 21 दिनों के लिए चिकन, अंडों और अन्य कुक्कुट उत्पादों की बिक्री और परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। 

जिलाधिकारी जोगेंद्र सिंह ने हालात को देखते हुए सोमवार को एक आपात बैठक बुलाई और जिले भर में चिकन परोसने वाले भोजनालयों सहित सभी चिकन की दुकानों को तीन सप्ताह के लिए बंद करने का आदेश दिया। उन्होंने अगली सूचना तक जिले के भीतर और बाहर कुक्कुट और कुक्कुट उत्पादों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी। अधिकारियों ने बताया कि स्थिति पर नजर रखने के लिए जिला और बिलासपुर तहसील स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। 

बिलासपुर क्षेत्र के सिंघोर और सेहोरा गांवों के कुक्कुट पालन केंद्रों में हजारों पक्षियों की मौत के बाद प्रशासन ने प्रभावित केंद्र के एक किलोमीटर के दायरे को सील कर दिया और 10 किलोमीटर के इलाके को निगरानी क्षेत्र घोषित कर दिया है। बरेली स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के निदेशक डॉक्टर त्रिवेणी दत्त ने कहा कि रामपुर से लिए गए पांच नमूनों की जांच में आईवीआरआई और भोपाल स्थित उच्च सुरक्षा पशु रोग प्रयोगशाला (एचएसएडीएल) दोनों में एवियन इन्फ्लूएंजा एच5 वायरस की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। 

उन्होंने बताया कि आईवीआरआई ने आठ अगस्त को नमूनों की जांच की थी, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी, जिसके बाद नौ अगस्त को उन्हें आगे की पुष्टि के लिए एचएसएडीएल को भेज दिया गया। एचएसएडीएल ने 10 अगस्त को नमूनों का परीक्षण किया और 11 अगस्त को वायरस की मौजूदगी की पुष्टि की, जिसके बाद परामर्श जारी किए गए। बरेली के केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) के निदेशक डॉक्टर अशोक कुमार तिवारी ने बताया कि संस्थान में एहतियाती उपाय पहले से ही लागू हैं लेकिन प्रकोप को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बाहरी लोगों और वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है तथा अधिकारियों के वाहन परिसर के बाहर खड़े किये जा रहे हैं। 

जंगली पक्षियों को प्रवेश करने से रोकने के लिए संस्थान के अंदर सभी जल स्रोतों और संभावित जल-संग्रह बिंदुओं को ढक दिया गया है। राज्य पशुपालन विभाग ने सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अगर किसी कुक्कुट पालन केंद्र में पक्षियों की मौत की सूचना मिलती है तो वे तुरंत नमूना संग्रह करें और आवश्यक नियमों का पालन करते हुए उच्च अधिकारियों के साथ जानकारी साझा करें।


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Content Writer

Pardeep

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