सावधान! बर्ड फ्लू से बचना है तो इन बातों का रखें ध्यान, इंसान के लिए भी है बेहद खतरनाक

Sunday, Jan 10, 2021 - 12:57 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  कोरोना महामारी के बीच अब देश पर बर्ड फ्लू  का संकट मंडरा रहा है। उत्तर प्रदेश में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, जिससे  इस बीमारी से संबंधित राज्यों की संख्या सात हो गई है। केरल, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान भी इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि उनके यहां बड़े पैमाने पर पक्षियों की मौत हो रही है। देश में डर का आलम यह है कि कई इलाकों में पॉल्ट्री की ख़रीद-फ़रोख्त और मीट के लिए इन्हें काटने पर रोक लगा दी गई है। इतना ही नहीं कई जगह पक्षियों को मारा भी जा रहा है। इस दहशत भरे माहौल के बीच लोगों को यह जानना जरूरी  है कि आखिर यह बर्ड फ्लू क्या है और इसके लक्षण और बचाव क्या हो सकते हैं।

क्या है बर्ड फ्लू

  • तेजी से फैल रही इस बिमारी को  एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (H5N1) के नाम से जाता है लेकिन सरल भाषा में इसे बर्ड फ्लू कहते हैं। 
  • यह मुख्यतया पक्षियों में होता है, लेकिन यह अन्य जानवरों और इंसानों को भी संक्रमण की चपेट में ले सकता है।
  • पक्षियों से इंसानों और दूसरे प्राणियों में पहुँचने पर यह उनके लिए भी घातक साबित होता है।
  • पक्षियों के मल, लार, नाक-मुंह या आंख से स्राव के माध्यम से भी ये बीमारी इंसानों में फैल सकती है। 
  • बर्ड फ्लू के संक्रमण के बाद मृत्यु की आशंका 60 फीसदी तक रहती है. सर्दियों में अक्सर यह बीमारी फैलती है। 
  • बर्ड फ्लू का पहला मामला 1997 में सामने आया था और तब से इससे संक्रमित होने वाले क़रीब 60 फ़ीसद लोगों की जान जा चुकी है।


कैसे बरतें सावधानी 

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अगर आप चिकन, मीट, अंडा अच्छी तरह पका कर खाते हैं, तो ऐसे में H5N1 वायरस का खतरा नहीं रहता है।
  • कम से कम 70 डिग्री सेल्सियस तापमान में अंडा या चिकन पकाना चाहिए। 
  • अगर वायरस संक्रमित पक्षियों के झुंड के जरिए फूड चेन में प्रवेश कर चुका है, तो लोगों को चिकन और अंडे खाने के बाद घातक बर्ड फ्लू अपनी चपेट में ले सकता है।
  •  इसलिए चिकन, अंडा सही तरीके से पका कर खाएं, कच्चापन ना रहने दें। 
  • अगर किसी व्यक्ति के घर-कार्यालय के आसपास पोल्ट्री फॉर्म है तो साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 

इन बातों का रखें खास ध्यान

  • दुकान से चिकन खरीदने के बाद उसे धोते वक्त हाथों पर ग्लव्स और मुंह पर मास्क जरूर पहनें।
  •  पोल्ट्री फार्म या दुकानों पर किसी चीज या सरफेस को छूने से बचें। किसी भी चीज को छूने के बाद हाथों को तुरंत सैनिटाइज करें। 
  • पोल्ट्री फॉर्म मे काम कर रहे लोगों को पक्षियों से बर्ड फ्लू की चपेट में आने का खतरा ज्यादा रहता है।
  •  उन्हें पीपीई किट की तरह पूरे शरीर को ढंककर ही काम करना चाहिए।
  • अगर वायरस के लक्षण हों तो तुरंत चिकित्सक और स्वास्थ्य एजेंसियों से संपर्क करें. घर-परिवार के सदस्यों से भी दूरी बनाएं रखें।


बर्ड फ्लू के लक्षण

  • बुखार आना, बैचेनी होना, शरीर में दर्द होना, सर्दी और गले में खराश होने जैसी समस्याएं बर्ड फ्लू के शुरुआती लक्षणों में से एक हैं। 
  • कई बार पेट में दर्द की समस्या, सीने में दर्द और पेट संबंधी समस्याएं जैसे दस्त की समस्या भी हो सकती है।
  •  अगर आपको कुछ ऐसी समस्याएं समझ आती हैं तो अपना टेस्ट जरूर कराएं। 
  • गंभीर लक्षणों में सांस लेने में तकलीफ और निमोनिया जैसी समस्या के पीछे का कारण बर्ड फ्लू हो सकता है।
  • बर्ड फ्लू होने पर अस्पताल में तुरंत इसका इलाज कराना बेहद जरूरी है। 
  • अधिकतम मामलों में आईसीयू की जरूरत होती है। क्योंकि, व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। 
  • बर्ड फ्लू के इलाज में आमतौर पर एंटीवायरल ओसेल्टामिविर का इस्तेमाल होता है।

यह राज्य आए बर्ड फ्लू का आतंक 
जिन राज्यों में बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि हुई है, उनमें उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात हैं। इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने बर्ड फ्लू की दहशत के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में जीवित पक्षियों के आयात पर रोक लगा दी गई है तथा गाजीपुर कुक्कुट बाजार अगले 10 दिन तक बंद रहेगा।बर्ड फ्लू की दहशत के चलते हरियाणा के पंचकूला जिले में पांच कुक्कुट पालन केंद्रों में शनिवार को 1.60 लाख से अधिक कुक्कुट पक्षियों को मारने का काम शुरू कर दिया गया। 

vasudha

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