बिहार में वोटिंग के व्यापक इंतजाम, अधिकारिक नतीजों पर ही भरोसा करे मीडिया: Election Commission

punjabkesari.in Thursday, Nov 13, 2025 - 06:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क: निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को कहा कि 14 नवंबर को होने वाली मतगणना के लिए बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में व्यापक इंतजाम किए गए हैं। प्रदेश में 243 मतगणना पर्यवेक्षकों और उम्मीदवारों या उनके एजेंटों की उपस्थिति में 243 निर्वाचन अधिकारियों (आरओ) द्वारा मतगणना की जाएगी। आयोग ने कहा कि प्रत्येक टेबल पर एक मतगणना पर्यवेक्षक, मतगणना सहायक और ‘माइक्रो-ऑब्जर्वर' के साथ 4,372 मतगणना टेबल स्थापित की गई हैं। उम्मीदवारों द्वारा नियुक्त 18,000 से अधिक मतगणना एजेंट भी मतगणना प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।

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मतगणना सुबह 8 बजे शुरू होगी और निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार डाक मतपत्रों की गिनती सबसे पहले शुरू होगी। इसके बाद सुबह 8.30 बजे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में दर्ज मतों की गिनती शुरू होगी। चुनाव आयोग के एक हालिया निर्देश के अनुसार, डाक मतपत्रों की गिनती ईवीएम मतगणना के अंतिम दौर से पहले पूरी की जानी है। डाक मतपत्रों की गणना उम्मीदवारों या उनके मतगणना एजेंटों की उपस्थिति में निर्वाचन अधिकारी या सहायक निर्वाचन अधिकारी द्वारा की जाती है। ईवीएम मतगणना के दौरान, ‘कंट्रोल यूनिट' को चरण-वार मतगणना टेबलों पर लाया जाता है और मतगणना एजेंट को दिखाया जाता है ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि सील सही सलामत हैं और क्रम संख्याएं फॉर्म 17सी के भाग एक में दर्ज रिकॉर्ड से मेल खाती हैं। ईवीएम में दर्ज मतों की संख्या का फॉर्म 17सी में दर्ज प्रविष्टियों से मिलान किया जाता है। किसी भी विसंगति की स्थिति में, उस मतदान केंद्र की वीवीपैट पर्चियों की गणना अनिवार्य रूप से की जानी है।

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ईवीएम मतगणना पूरी होने के बाद वीवीपैट सत्यापन के लिए प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से पांच मतदान केंद्रों का चयन किया जाता है। उम्मीदवारों और उनके मतगणना एजेंटों की उपस्थिति में पर्चियों का ईवीएम परिणामों से मिलान किया जाता है। परिणामों को संबंधित निर्वाचन अधिकारी द्वारा चरण-वार और निर्वाचन क्षेत्र-वार संकलित करके आधिकारिक चुनाव आयोग परिणाम पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाएगा। आयोग ने आगाह करते हुए कहा, ‘‘आयोग सभी को सलाह देता है कि वे सटीक और सत्यापित अपडेट के लिए केवल इस पोर्टल का ही सहारा लें और किसी भी सुनी-सुनाई बात या अनौपचारिक स्रोतों पर भरोसा न करें। टीवी चैनलों और इंटरनेट मीडिया चैनलों को भी इसी प्रकार की सलाह दी जाती है।''


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News Editor

Radhika

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