नीतीश और लालू की राजद के बीच आखिर क्या पक रहा, बहस तेज

punjabkesari.in Wednesday, Jul 03, 2019 - 10:44 AM (IST)

पटना: क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेल में बंद राजनेता लालू प्रसाद के बीच कुछ पक रहा है? बिहार में संदिग्ध इंसेफेलाइटिस से बच्चों की मौतों को लेकर कांग्रेस समर्थित मुख्य विपक्षी राजद द्वारा मुख्यमंत्री के बचाव में सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में गर्म बहस शुरू हो गई है लेकिन साथ ही साथ स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। यह सब तब शुरू हुआ जब विपक्ष ने आज इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को स्थानांतरित कर दिया और इस मुद्दे पर तत्काल बहस की मांग की गई जिसे बिहार विधानसभा अध्यक्ष ने जल्दबाजी में स्वीकार कर लिया। कुल मिलाकर इस मुद्दे ने तब एक गंभीर मोड़ ले लिया जब मुख्य विपक्षी राजद और कांग्रेस ने स्वास्थ्य मंत्री के भाषण का बहिष्कार किया।  विपक्षी  सदस्य  बहस दौरान मुख्यमंत्री प्रति नरम दिखे लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की  मांग  पर  अड़े  रहे  और  विधानसभा  में भी हंगामा किया।

सदन में नीतीश के प्रति राजद और कांग्रेस ने दिखाई नरमी
राजद और कांग्रेस ने यह आरोप लगाया कि मीडिया द्वारा मुख्यमंत्री को अनावश्यक रूप से लक्षित किया जा रहा है जबकि असली अपराधी भाजपा के मंत्री हैं। राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने अपने भाषण में कहा कि आप भी जिम्मेदार हैं लेकिन आपको अपनी भूमिका से ज्यादा कलंकित किया जा रहा है। इसी तरह की टिप्पणी कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने की।  विधान परिषद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष से कहा कि इस्तीफे से बीमारी का इलाज हो जाएगा क्या? उन्होंने कहा कि इस्तीफे के बाद अन्य को विभाग संभालना होगा उसे समझने में समय लगेगा। 

राजद पहले भी कर चुका है नीतीश का समर्थन
2005 के बाद से जिन भाजपा नेताओं के पास स्वास्थ्य विभाग था उनमें चंद्र मोहन राय, नंद किशोर यादव, अश्विनी कुमार चौबे और मंगल पांडे शामिल हैं। यह पहली बार नहीं था जब राजद मुख्यमंत्री के समर्थन में आया था। इससे पहले भी राजद ने  मुख्यमंत्री का समर्थन किया जब उन्होंने नई दिल्ली में पिछले महीने आयोजित नीति आयोग की बैठक दौरान बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा देने की लंबे समय से लंबित मांग को उठाया था।

इन मुद्दों पर भी विपक्ष सी.एम. के साथ
राजद सहित समूचे विपक्ष ने भी ट्रिपल तलाक, अनुच्छेद 370, समान नागरिक संहिता और राम मंदिर पर कुमार के रुख का समर्थन किया है। कुमार ने एन.डी.ए. सरकार के तीन तलाक बिल का विरोध किया है, अनुच्छेद 30 को हटाने और यूनिफॉर्म सिविल कोड को भी रद्द करने की मांग की है। इसके अलावा वह चाहते हैं कि अयोध्या विवाद को बातचीत या अदालत के माध्यम से ही सुलझाया जाए। 


 


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Edited By

Anil dev

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