तेजस्वी यादव का बड़ा दावा- अमित शाह को अब नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं

punjabkesari.in Thursday, Jul 24, 2025 - 05:33 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यादव ने मानसून सत्र के अंतिम दिन विपक्ष द्वारा पेश कटौती प्रस्ताव पर बहस में भाग लेते हुए यह टिप्पणी की। बहस के कारण विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक हुई, जिसके कारण भोजनावकाश के बाद की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। यादव ने कहा, ‘‘शाह का नीतीश कुमार पर से भरोसा उठने की क्या वजह है? वह कहते रहते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव जद-यू (जनता दल यूनाइटेड) अध्यक्ष के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा, यह तो समय ही बताएगा।''

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राजद नेता ने कहा, ‘‘अगर शाह को अब भी नीतीश कुमार के नेतृत्व पर भरोसा है, तो उन्हें सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए घोषणा करनी चाहिए कि मुख्यमंत्री 2030 तक सत्ता की कुर्सी पर बने रहेंगे। गृह मंत्री सीतामढ़ी के अपने आगामी दौरे के दौरान इसकी घोषणा करें।'' बीजेपी प्रमुख रणनीतिकार माने जाने वाले शाह अगस्त में सीतामढ़ी का दौरा करेंगे, जहां वह माता सीता के एक भव्य मंदिर की आधारशिला रखेंगे। यादव ने यह भी कहा कि ‘‘राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) बिहार में दोबारा सत्ता में नहीं आने वाला है। यह सरकार 20 साल पुरानी है और एक खटारा कार की तरह हो गई है।'' पूर्व उपमुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा, ‘‘यहां तक कि अब केंद्र सरकार ने भी आदेश दिया है कि 15 साल से अधिक पुराने वाहन सड़कों से हटा दिए जाएं।''

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तेजस्वी ने नीतीश कुमार के खिलाफ अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ‘‘होश में नहीं हैं, सभी मुद्दों पर चुप रहते हैं'' और एक महत्वपूर्ण सहयोगी होने के बावजूद विशेष पैकेज के लिए केंद्र पर दबाव नहीं डाल सकते। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘लगता है जदयू ने खुद को भाजपा के एक प्रकोष्ठ की हैसियत में ला दिया है। कुछ मुट्ठी भर लोग, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे मुख्यमंत्री की आंख और कान हैं, सभी भाजपा के लिए काम कर रहे हैं।'' तेजस्वी ने कहा, ‘‘ जदयू के लोग आरएसएस कोटे की बात करने लगे हैं।'' उनका इशारा मुख्यमंत्री की पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और मंत्री अशोक चौधरी की ओर था, जिन्होंने हाल ही में दावा किया था कि उनके दामाद को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की सिफारिश पर धार्मिक न्यासों के लिए गठित राज्य बोर्ड का सदस्य बनाया गया था। नेता प्रतिपक्ष ने बोर्ड और आयोगों में नियुक्तियों में व्यापक भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बिहार में ‘एनडीए' (राजग का अंग्रेजी संक्षिप्त शब्द) को ‘‘नेशनल दामाद आयोग' (दामादों के लिए आयोग) कहा जाना चाहिए।'' यादव ने हाल ही में वादा किया था कि अगर राजद नीत सरकार बनती है तो महिलाओं को मासिक मानदेय और 200 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी। उन्होंने नीतीश कुमार सरकार पर उनके वादों का ‘नकल' करने का आरोप लगाया।

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राजद नेता ने दावा किया, ‘‘यह साफ़ है कि उन्हें 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने का विचार कहां से आया। आगे चलकर वे हमारी प्रस्तावित ‘माई बहिन योजना' की भी नकल करेंगे।'' यादव ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का मुद्दा भी उठाया, जिस पर उन्हें अन्य विपक्षी नेताओं के साथ भोजनावकाश से पहले के सदन में अपनी बात कहने की अनुमति दी गई। इस पर सत्ता पक्ष की ओर से नाराजगी भरी प्रतिक्रिया हुई और उसके सदस्यों ने विपक्ष के नेता को बोलने से रोकने की कोशिश की। इससे आक्रोशित दोनों पक्ष के सदस्य आसन के सामने आ गए। एक विधायक को अपनी मेज पर लगा माइक उखाड़ते और विपक्षी सदस्यों की ओर धमकी भरे अंदाज में दौड़ते हुए भी देखा गया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने कार्यवाही शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

बाद में विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सदस्यों ने उन पर हमले की पहले से योजना बना रखी थी। उन्होंने दावा किया, ‘‘भाजपा विधायक जनक सिंह ने मुझे अपशब्द कहे। किसी ने उन्हें नहीं रोका। बाद में, संजय सिंह मेरी ओर बढ़े और मुझे मेरे पार्टी सहयोगियों ने बचाया।'' उप-मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बयान दिया था कि राजद के ‘‘डीएनए में सुपारी लेकर हत्या करने की आदत है और इसलिए वह अनियंत्रित व्यवहार करता है।'' इस बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा, ‘‘मैं अपना लाइसेंसी हथियार सरेंडर करने को तैयार हूं.....। 


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News Editor

Radhika

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