एक नजर प्रभु राज में हुए बड़े रेल हादसों पर, 300 से ज्यादा लोगों ने गंवाई जान

Sunday, Jan 22, 2017 - 08:18 PM (IST)

नई दिल्ली: शनिवार देर रात आंध्र प्रदेश में विजयनगरम जिले के कुनेरू स्टेशन के पास जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस (18448) दुर्घटनाग्रस्त होने से 32 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद सवाल खड़े हो गए हैं कि इसका जिम्मेदार कौन है। वहीं विरोधियों के सुर भी तेज हो गए है कि जहा एक तरफ केंद्र सरकार बुलेट ट्रेन के लिए बजट जुटा रही वहीं रेल व्यवस्था कितनी दुरस्त है इसका उदाहरण सामने है। सरकार और रेल अधिकारी इतने कैसे लापरवाह हो सकते हैं कि इनती जिंदगियां दांव पर लग जाती हैं। विरोधी दलों के सवालों पर हालांकि सरकार की तरफ से कोई सफाई नहीं आई है लेकिन ये हादसे तो यही बयां कर रहे हैं कि सरकार का वर्तमान रेल व्यवस्था पर जरा भी ध्यान नहीं है। सुरेश प्रभु मोदी सरकार में केंद्रीय रेल मंत्री हैं। मोदी सरकार को सत्ता में आए अढ़ाई साल से ऊपर हो गए हैं। ऐसे में इन अढ़ाई सालों में सिर्फ रेल हादसों में 300 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इन हादसों से सरकार ने कोई सबक नहीं लिया है।

मई 2014
मई 2014 में महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में कोंकण रेलवे रूट पर एक यात्री सवारी गाड़ी का इंजन और छह डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसे में कम से कम 20 लोगों की मौत हुई जबकि 124 लोग घायल हुए।

26 मई 2014
उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में 26 मई 2014 को चुरेन रेलवे स्टेशन के पास गोरखधाम एक्सप्रैस ने एक मालगाड़ी को उसी ट्रैक पर टक्कर मार दी। इस हादसे में 22 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

20 मार्च 2015
देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस 20 मार्च 2015 को पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में 34 लोग मारे गए थे। यह हादसा रायबरेली के बछरावां रेलवे स्टेशन के पास हुई हुआ था।

25 मई 2015
कौशांबी के सिराथू रेलवे स्टेशन के पास 25 मई 2015 को मूरी एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई थी। हादसे में 25 यात्री मारे गए थे, जबकि 300 से ज्यादा घायल हुए थे।

5 अगस्त 2015
5 अगस्त 2015 में मध्य प्रदेश के हरदा के करीब एक ही जगह पर 10 मिनट के अंदर दो ट्रेन हादसे हुए। इटारसी-मुंबई रेलवे ट्रैक पर दो ट्रेनें मुंबई-वाराणसी कामायनी एक्सप्रेस और पटना-मुंबई जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गईं। माचक नदी पर रेल पटरी धंसने की वजह से हरदा में यह हादसा हुआ। बता दें कि माचक नदी उफान पर थी। दुर्घटना में 31 मौतें हुई थीं।

25 जुलाई 2016
भदोही इलाके में 25 जुलाई 2016 को मडुआडीह-इलाहाबाद पैसेंजर ट्रेन मिनी स्कूल वैन टकरा गई। जिसमें 7 स्कूली बच्चों की मौत हो गई है। इस वैन में 19 बच्चे सवार थे।

20 नवंबर 2016
उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास 20 नवंबर 2016 को पुखरायां में बड़ा रेल हादसा हुआ। इसमें 150 से ज्यादा लोगों की जान गई और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

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