अप्रैल फिर हुआ मनहूस साबित, 7 साल पहले हुआ था सबसे बड़ा नक्सली हमला

Tuesday, Apr 25, 2017 - 02:07 PM (IST)

नैशनल डैस्कः माओवादी की समस्या कम होते-होते फिर से उभर जाती है। कुछ समय के लिए ऐसा लगता है कि अब बस इस समस्या का समाधान हो ही जाएगा लेकिन फिर कोई न कोई ऐसी घटना घटती है, जो पूरे देश को दहला देता है। सोमवार को भी 300 नक्सलियों ने घात लगाकर जवानों पर हमला कर दिया। इस हमले में 25 जवान शहीद हो गए। अप्रैल में हुए इस हमले ने 2010 की याद दिला दी जब ऐसे ही नक्सली हमले में 76 जवान शहीद हुए थे। एक बार फिर अप्रैल मनहूस साबित हुआ।

एक नजर अब तक के बड़े हमलों पर-

दरभा घाटी, सुकमा: 25 मई 2013
बस्तर के दरभा घाटी में हुए माओवादी हमले में आदिवासी नेता महेंद्र कर्मा, कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 30 से अधिक लोग मारे गए थे।

धोड़ाई: 29 जून 2010
नारायणपुर जिले के धोड़ाई में सीआरपीएफ के जवानों पर माओवादियों के हमले में पुलिस के 27 जवान मारे गए।

दंतेवाड़ा: 17 मई 2010
सुरक्षाबल के जवानों को ले जा रहे बस पर माओवादियों ने बारूदी सुरंग लगा कर हमला किया था, जिसमें 12 विशेष पुलिस अधिकारी समेत 36 लोग मारे गए थे।

ताड़मेटला: 6 अप्रैल 2010
बस्तर के ताड़मेटला में सर्चिंग के लिए जाते सीआरपीएफ के जवानों के रास्ते में माओवादियों ने बारुदी सुरंग विस्फोट किया, जिसमें 76 जवान शहीद हो गए।

मदनवाड़ा: 12 जुलाई 2009
राजनांदगांव के मानपुर इलाके में माओवादियों के हमले की सूचना पाकर पहुंचे पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार चौबे समेत 29 पुलिसकर्मियों पर माओवादियों ने हमला बोला और उनकी हत्या कर दी।

उरपलमेटा:9 जुलाई 2007
एर्राबोर के उरपलमेटा में सीआरपीएफ और जिला पुलिस बल पर माओवादियों ने हमला बोला, जिसमें 23 पुलिसकर्मी मारे गए।

रानीबोदली: 15 मार्च 2007
बीजापुर के रानीबोदली में पुलिस के एक कैम्प पर आधी रात को माओवादियों ने हमला किया, जिसमें 55 जवान शहीद हो गए।

नयागढ़ हमला: 15 फरवरी, 2008
जिला मुख्यालय पर नक्सलियों ने हमला कर दिया। इस हमले में 14 पुलिस वालों तथा एक नागरिक की मौत हो गई।

दंतेवाड़ा, 17 जुलाई, 2006
नक्सलियों ने एक रीलिफ कैंप पर हमला किया जहां करीब 4000 लोग थे। इस हमले में 25 लोग मारे गए तथा 20 से अधिक लोगों का अपहरण नक्सलियों ने कर लिया।

उदयगिरि, 24 मार्च 2006
ओडिशा के गजपति जिले में एक पुलिस कैम्प पर करीब 500 नक्सलियों ने हमला किया, जिसमें तीन पुलिस वालों की मौत हो गई। इस हमले में नक्सलियों ने अपने करीब 40 साथियों को छुड़ा लिया। 

जहानाबाद, 13 नवम्बर 2005
बिहार के जहानाबाद जिले में नक्सलियों ने जिला जेल पर हलमा किया। इस बड़े नक्सली हमले में नक्सलियों ने 185 रायफल लूट लिए। हमले के समय करीब 375 कैदी फरार हो गए, जिसमें 130 नक्सली थे।

चंद्रबाबू पर हमला, 1 अक्तूबर 2003
आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर माओवादियों ने हमला किया था। वे तिरुपति जा रहे थे। बारुदी सुरंग बनाकर किए गए इस हमले में मुख्यमंत्री थोड़ी देर के लिए बच गए। अगर कुछ सेकेंड की देरी न होती, तो चंद्रबाबू नायडू की गाड़ी के परखच्चे उड़ जाते।

 

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