कश्मीर पर बनी यूएन की मानवाधिकार की रिपोर्ट पर बड़ा खुलासा, पाक प्रायोजित थी रिपोर्ट
Tuesday, Jul 10, 2018 - 06:15 PM (IST)
नेशनल डेस्कः पिछले दिनों कश्मीर मानवाधिकार उल्लंघन पर आई यूनाइटेड नेशन्स की रिपोर्ट पर बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में पता चला है कि इसको किस तरह तोड़ा-मरोड़ा गया है। कनाडा में बसे पाकिस्तानी इस्लामी समूह के प्रमुख जफर बंगाश ने बताया कि जिस व्यक्ति ने इस रिपोर्ट को तैयार किया है वह उसके संपर्क में लगातार बने हुए थे।
यूएन के मानवाधिकार उच्चायुक्त जैद राड अल-हुसैन जब कश्मीर पर मानवाधिकार की रिपोर्ट तैयार कर रहे थे, तब बंगाश उनसे लगातार संपर्क में बने हुए थे। वह उनके साथ ई-मेल और निजी बातचीत के द्वारा संपर्क में थे।
जफर बंगाश टोरंटो में बसे हुए हैं। वह एक इस्लामिक पत्रकार हैं और वहां की यार्क क्षेत्र की मस्जिद में इमाम भी हैं। बंगाश ने कश्मीर मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकारों के उच्चायुक्त जैद राड अल हुसैन रिपोर्ट तैयार करने के दौरान उनके संपर्क में था और कुछ कश्मीर के साथी भी उनके संपर्क में थे।
#WATCH: Zafar Bangash, Imam at Islamic Society of York Region's Mosque & a Pakistani Canadian, claims he had a role in producing UN Report on J&K; says 'We, the friends of Kashmir, also have a role in the production of this report.' #Canada pic.twitter.com/43i88ZD9ap
— ANI (@ANI) July 10, 2018
बंगाश ने बताया कि मेरी पाकिस्तान विदेश मंत्रालय में इस मामले पर बात भी हुई थी। मंत्रालय के अधिकारियों के साथ यह तय हुआ था कि यूएन मानवाधिकार के उच्चायुक्त और उनके साथी प्रतिनिधि पाकिस्तान जाएंगे और पाक अधिकृत कश्मीर में उनका सम्मान किया जाएगा। बता दें जिस कार्यक्रम में बंगाश पाकिस्तान की पोल खोल रहे थे। उस कार्यक्रम में आजाद पाकिस्तान के राष्ट्रपति सरदार मसूद खान भी मौजूद थे।
सरदार मसूद खान ने कहा कि जम्मू-कश्मीर मामले में भारत-पाकिस्तान को युद्ध से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को यह नहीं भूलना चाहिए कि उनके पास न्यूक्लियर पावर हैं और यदि दोनों देशों के बीच युद्ध होता है तो दो सभ्यता खत्म हो सकती हैं।
बता दें संयुक्त राष्ट्र ने भारत पर पाक अधिकृत कश्मीर और जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन किए जाने का आरोप लगाया था। इस रिपोर्ट का भारत के विदेश मंत्रालय ने विरोध करते हुए इसे पक्षपातपुर्ण करार दिया था।